किसी भी बात को समझाने के अनेको प्रकार होते है ये जरूरी नही की हम बोल कर या कह कर ही अपनी संवेदनाये व्यक्त करे
विचार
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जागो खुद अर्जुन बनो खुद कृष्णा तुम्हारे अंदर है हमे अपने अंतर्मन में निश्चित करना चाहिए कि हम क्या है ,हमारा जन्म क्यों हुआ ,हमारा इस धरती में जन्म लेने का उद्देश्य क्या है हमे अपने आप से ये सवाल… Read More
आनंद की अनुभूति आनंद की अनुभूति हमे ईश्वर के समीप ले जाने का काम करती है जैसे जैसे हम अपने आप में खोते जाते है वैसे वैसे हम उस इस्वर के समीप पहुँचते जाते है जो संप… Read More
लेकिन दिल में हमेशा सपनो का ताजमहल होगा हम भी इस राह के मुसाफिर है मेरे दोस्त कुछ कदम मेरे संग तो चल के तो देखिये धुप में भी छाँव का एहसास होगा बेगानो के बीच भी अपनों का साथ होग… Read More
वृन्दावन की गलिन में न आना सखी मुरली वाले को तुम न बुलाना सखी वृन्दावन की गलिन में न आना सखी मुरली वाले को तुम न बुलाना सखी वो तो है ही चितचोर सखी बावरा हम को वो तो कर जायेगा फिरती रहूंगी फिर मई गली गली वृन्दावन… Read More
क्यों क्यों अपने कुछ स्वार्थ में वशीभूत होकर हम अपने धर्म को अपने आत्मा को अपने मैं को भी दाव पर लगा देते है क्या यही मनुष्यता है क्या यही हमारे पूर्वजो ने… Read More
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