मेरा मुझमे क्या है ये रोज सवाल करता हु
अपनी ही बातो में उलझ कर मै रोज बवाल करता हु
खोया खोया गुमसूम सा
अनजाने लम्हों का हिसाब रखता हु
मेरा मुझमे क्या है ये रोज सवाल करता हु
तू थी तुझसे लड़ता था
कभी रूठता था कभी मनाता था
तुम मुझको सताती थी
मै तुमको चिढाता था
अब बस तुम नही हो
लेकिन संग तेरी यादे है
तेरी यादो के संग
तन्हा रातो से बात करता हूँ
मेरा मुझमे क्या है ये रोज सवाल करता हूँ
अपनी ही बातो में उलझ कर मै रोज बवाल करता हु
खोया खोया गुमसूम सा
अनजाने लम्हों का हिसाब रखता हु
मेरा मुझमे क्या है ये रोज सवाल करता हु
तू थी तुझसे लड़ता था
कभी रूठता था कभी मनाता था
तुम मुझको सताती थी
मै तुमको चिढाता था
अब बस तुम नही हो
लेकिन संग तेरी यादे है
तेरी यादो के संग
तन्हा रातो से बात करता हूँ
मेरा मुझमे क्या है ये रोज सवाल करता हूँ
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