मंजिल है मुस्किल ये जानते है हम मगर
हौसले इतने कातिल है जो बैठने नही देते मुझे
चल दो कदम बस दो कदम
कहता है ये मन मेरा
करवा सामने होगा मत हो यु उदास तू
पल थकता है पल रुकता
पल सोचता है पल हरता है
लेकिन हर पल लड़ता है
और कहता है मत हार तू
फासले कितने भी हो
मुश्किले कितनी भी हो
जिन्दगी मिल जायेगी
और कहता है मत हार तू
और कहता है मत हार तू
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