हमे भी जीने की आदत नही है सनम
की इंतज़ार में तेरे हर घडी गुजार रहे
तडपते हम है तडपता हर लम्हा मेरे संग
की दीदार को तेरे ये जिन्दगी गुजार रहे
अस्को से सींच सींच कर ये जिस्म
और इस जिस्म में जिन्दगी बाकी है अभी
अब तो आँखे भी नम नही होती
गम की परछाई में ये सदिया गुजार रहे
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