समन्दर शांत कब होता है
हवा जब थम सी जाती है
बदल मद्धम बरसते है
कोई आवाज आती है
सिसकती है जब ये साँसे
आँखे भी सूख जाती है
हा वो ठंडी हवा भी
हर पल जब कहर ढाती है
कोई मगरूर होता है
जब हमसे दूर होता है
भूलना चाहू मै हर पल
फिर भी क्यों याद आती है
भूलना चाहू मै हर पल
फिर भी क्यों याद आती है
हवा जब थम सी जाती है
बदल मद्धम बरसते है
कोई आवाज आती है
सिसकती है जब ये साँसे
आँखे भी सूख जाती है
हा वो ठंडी हवा भी
हर पल जब कहर ढाती है
कोई मगरूर होता है
जब हमसे दूर होता है
भूलना चाहू मै हर पल
फिर भी क्यों याद आती है
भूलना चाहू मै हर पल
फिर भी क्यों याद आती है
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