Kavita house 04:26 Kavita Sangrah No comments गंदे दिमाग में हमेसा गंदगी भरी रहती है और वो हमारो मानसिकता का पर्याय बन जाती है और हम उससे या उसमे धीरे धीरे ग्रसित होते चले जाते है Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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