इन्तहा हो गयी उनकी सितम ढाने की
की वो बेदर्द होते गये
हम दर्द से तडपते रहे
आह निकली नही उनके जहन से एक भी
और हम तिनका तिनका जिन्दगी में अपनी बिखरते गये
हर बूँद मेरी सूख गयी लहू बनके आँखों से मेरी
और वो बेवफा बारिसो की बूंदों का लुत्फ़ लेते रहे
की वो बेदर्द होते गये
हम दर्द से तडपते रहे
आह निकली नही उनके जहन से एक भी
और हम तिनका तिनका जिन्दगी में अपनी बिखरते गये
हर बूँद मेरी सूख गयी लहू बनके आँखों से मेरी
और वो बेवफा बारिसो की बूंदों का लुत्फ़ लेते रहे
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