सुविचार Kavita house 02:31 Kavita Sangrah No comments राजनीति में दिल पल पल मरता जाता है और दिमाग का साम्राज्य पल पल बढ़ता जाता है Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook Related Posts:अस्को का आशियाना बनाया है इस दिल ने इस क़द्र अस्को का आशियाना बनाया है इस दिल ने इस क़द्र जिसकी नदी ही एक बन गयी है जहन में मेरे रो रो के सूख गया है पानी आँखों का फिर भी खुदा की रहमत नही है… Read Moreआज फिर छोड़ गए वो हमसे वादा करके आज फिर छोड़ गए वो हमसे वादा करके आज फिर छोड़ गए वो हमसे वादा करके जिस्म को छोड़ गए जान को … Read Moreएक चाय मिल जाती तो शाम और दिलनशी हो जाती एक चाय मिल जाती तो शाम और दिलनशी हो जाती यहाँ मौसमी बारिस तो नही है लेकिन ये मन फिर भी भीग गया जो तू नही मिली मुझे गर तेरी यादे मिल जाती … Read Moreआज फिर छोड़ गए वो हमसे वादा… Read Moreचाहत अभी अधूरी है दोस्त चाहत अभी अधूरी है दोस्त क्योकि चाँद खेल रहा है आंखमिचौली आजाओ फलक पे ये इल्तेजा है मेरी मत सताओ मेरी मुहब्बत को प्यासी वो है तो बेचैन है हम भी आ जाओ … Read More
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