चुप तुम रहो चुप हम है सखी आँखों को आँखों से बात कर लेने दोकुछ ना बोलो तुम लबो से ऐ सनम बाहों को बाहों से आँखों को आँखों सेसाँसों को साँसों से मुलाकात कर लेने दो दो तडपते नयन दहकती मन की तपन ह्रदय को ह्रदय का हार बन लेने दो आलिंगन करो बाहों का बाहों से लब भी सारी हदों को तोड़ दे हो जाये हम दो जिस्म एक जान इस शराबी छुअन का एहसास कर लेने दो
0 comments:
Post a Comment