प्रेम एक ऐसी किस्ती है Kavita house 11:23 Kavita Sangrah No comments प्रेम एक ऐसी किस्ती है जिसमे पार लग गए तब भी मंजिल मिलजाति है और डूब गए तब भी तो दोस्तों क्यों न मुहब्बत करके देखे Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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