क्यों हमारे सपने को चकनाचूर किया
हमने भी कुछ सोचा था पाने लिए
लेकिन उसने हमारी अस्मिता को झकझौर दिया
चंद लम्हों के सुकून की खातिर
हमारे सपनो को तोड़ दिया
अब अन्धकार है चारो तरफ मेरे
भविष्यहीन हो गया ये जीवन
उस बहसी दरिंदे ने मेरे
तन मन को छोड़ दिया
अब नही है जीने की आस मुझे
अब कोई नही है मेरे लिए
क्या क्या सोचा था हमने
उसने ख्वाबोको तोड़ दिया
उसने जिस्म की भूख मिटाई
मुझे दर दर मरने छोड़ दिया
मुझे दर दर मरने छोड़ दिया
हमने भी कुछ सोचा था पाने लिए
लेकिन उसने हमारी अस्मिता को झकझौर दिया
चंद लम्हों के सुकून की खातिर
हमारे सपनो को तोड़ दिया
अब अन्धकार है चारो तरफ मेरे
भविष्यहीन हो गया ये जीवन
उस बहसी दरिंदे ने मेरे
तन मन को छोड़ दिया
अब नही है जीने की आस मुझे
अब कोई नही है मेरे लिए
क्या क्या सोचा था हमने
उसने ख्वाबोको तोड़ दिया
उसने जिस्म की भूख मिटाई
मुझे दर दर मरने छोड़ दिया
मुझे दर दर मरने छोड़ दिया
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