आ जाओ मेरे प्रियवर तुम
इन बाहो का श्रृंगार बनो
तुम मेरे गले का हार बनो
तुम मेरे गले का हार बनो
दिन ढल सा गया
है शाम ढली
है मिलन की बेला
आ ही गयी
आ जाओ अब तुम प्रेम गली
आ जाओ अब तुम प्रेम गली
ये नयन तुम्हारे प्यासे है
जो देखे तुम्हारे यौवन को
तन मन की सुध न मुझे रही
हर अंग को मिलन की प्यास जग
आ जाओ अब तुम प्रेम गली
इन बाहो का श्रृंगार बनो
तुम मेरे गले का हार बनो
तुम मेरे गले का हार बनो
दिन ढल सा गया
है शाम ढली
है मिलन की बेला
आ ही गयी
आ जाओ अब तुम प्रेम गली
आ जाओ अब तुम प्रेम गली
ये नयन तुम्हारे प्यासे है
जो देखे तुम्हारे यौवन को
तन मन की सुध न मुझे रही
हर अंग को मिलन की प्यास जग
आ जाओ अब तुम प्रेम गली
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