आज फिर छोड़ गए वो हमसे वादा
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मुहब्बत की गली में अभुमे चलना… Read More
गंदे दिमाग में हमेसा गंदगी भरी रहती है और वो हमारो मानसिकता का पर्याय बन जाती है और हम उससे या उसमे धीरे धीरे ग्रसित होते चले जाते है … Read More
की अब इक बात तुमसे ऐ सखी कहना जरूरी है मुहब्बत की गली में अब हमे चलना जरूरी है की अब इक बात तुमसे ऐ सखी कहना जरूरी है मुहब्बत की गली में अब हमे चलना जरूरी है की अब सोते हुए जगने की आदत हो गई हमको की नंगे पैर अब का… Read More
बहक गए जो कदम तो संभलना मुस्किल है बहक गए जो कदम तो संभलना मुस्किल है यही जान के कदमो को रोके बैठे है कबतक रुकेंगे या रोकेंगे अपने कदमो को यही जान के कदमो को रोके बैठे ह… Read More
विचार किसी भी बात को समझाने के अनेको प्रकार होते है ये जरूरी नही की हम बोल कर या कह कर ही अपनी संवेदनाये व्यक्त करे … Read More
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