राजनीति का शब्द अब अपसब्द जैसे बन गया
नैतिकता का जैसे अब पतन इनमे हो गया
मानसिकता का स्तर इस क़द्र गिर जायेगा इनमे
इनके लिए अब खुदा भी मुसाफिर हो गया
राजाओ की नीति इतनी अभद्र हो जाएगी
शब्दों की शीमा अपशब्दों में बंध जाएगी
हर कोई होगा दुस्साशन हर गली में पाप होगा
द्रौपदी की तरह हर नारी असहाय हो जाएगी
उसके हर श्रृंगार को लूटने जब दुर्योधन आएगा
तब कोई क्या कृष्णा की तरह इनकी लाज बचाएगा
तब कोई क्या कृष्णा की तरह इनकी लाज बचाएगा
नैतिकता का जैसे अब पतन इनमे हो गया
मानसिकता का स्तर इस क़द्र गिर जायेगा इनमे
इनके लिए अब खुदा भी मुसाफिर हो गया
राजाओ की नीति इतनी अभद्र हो जाएगी
शब्दों की शीमा अपशब्दों में बंध जाएगी
हर कोई होगा दुस्साशन हर गली में पाप होगा
द्रौपदी की तरह हर नारी असहाय हो जाएगी
उसके हर श्रृंगार को लूटने जब दुर्योधन आएगा
तब कोई क्या कृष्णा की तरह इनकी लाज बचाएगा
तब कोई क्या कृष्णा की तरह इनकी लाज बचाएगा
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