जब जब आईने में देखा हमने उनको तो लाखो बार मदहोश क्यों हुए हम हम अपन आप को तो देखते रोज आईने में लेकिन एक बार भी हम बेहोश ना हुए हम यही ...
जब जब आईने में देखा हमने उनको
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उनकी महफ़िल में हम बेगाने हो गए उनकी महफ़िल में हम बेगाने हो गए जबसे वो किसी और के दीवाने हो गए समय के ये सिलसिले पुराने हो गए उनकी महफ़िल में हम बेगान… Read More
प्रेम एक ऐसी किस्ती है प्रेम एक ऐसी किस्ती है जिसमे पार लग गए तब भी मंजिल मिलजाति है और डूब गए तब भी तो दोस्तों क्यों न मुहब्बत करके दे… Read More
है समंदर भी अब तो दीवाना हुआ बूँद पाने को उसकी तड़प सा रहा है समंदर भी अब तो दीवाना हुआ बूँद पाने को उसकी तड़प सा रहा वो चली हा चली वो चली मनचली इठलाते हुए वो चली रे चली बलखाती हुई शर्माती हुई बेखबर अपने महबू… Read More
वो मुस्कराती हुई शाम याद आती है जब शाम ढलते ही जम्हाई आती थी वो मुस्कराती हुई शाम याद आती है जब शाम ढलते ही जम्हाई आती थी मन से एक आवाज आती थी की एक चाय की प्याली मिल जाए हम भी धीमी आवाज में डरते डरते कहते थे अ… Read More
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