ये मेरे बचपन की बगिया है
जिसको मैंने अपने सपनो से सींचा है
कुछ ख्वाब देखे इस आँगन में
जिसमे गिरते सम्भलते बहुत कुछ सीखा है
है कुछ बेगाने तो कुछ अपने भी
जिनके संग जीवन बीता है
कुछ अश्रु मिले कुछ खुशिया भी
जब हारके सब कुछ जीता है
है अब तो पुराना खंडहर सा
नयनो का झुरमुट रूठ गया
जो साथ चलता था उस पगडण्डी पे
अब साथ नही है बात नही
बस यादे है बस यादे है
अब मन में नही कोई सपना है
और नहीं कोई अब अपना है
हाय मेरी इस बगिया को
जाने कौन लूट गया
जाने कौन लूट गया
जिसको मैंने अपने सपनो से सींचा है
कुछ ख्वाब देखे इस आँगन में
जिसमे गिरते सम्भलते बहुत कुछ सीखा है
है कुछ बेगाने तो कुछ अपने भी
जिनके संग जीवन बीता है
कुछ अश्रु मिले कुछ खुशिया भी
जब हारके सब कुछ जीता है
है अब तो पुराना खंडहर सा
नयनो का झुरमुट रूठ गया
जो साथ चलता था उस पगडण्डी पे
अब साथ नही है बात नही
बस यादे है बस यादे है
अब मन में नही कोई सपना है
और नहीं कोई अब अपना है
हाय मेरी इस बगिया को
जाने कौन लूट गया
जाने कौन लूट गया
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