इस मरु भूमि में आकरके तुमने श्रृंगार सजाया है
नैनों की इन लताओं में अस्को का दरिया समाया है
कुछ अपने दिल की बात कहो
जो बीती तन्हा रातो में
कुछ हम भी कहेंगे तुमसे सखी
जो दरिया बह कर आया है
नैनों की इन लताओं में अस्को का दरिया समाया है
कुछ अपने दिल की बात कहो
जो बीती तन्हा रातो में
कुछ हम भी कहेंगे तुमसे सखी
जो दरिया बह कर आया है
0 comments:
Post a Comment