एक अधूरा जहां अधूरे लोग अधूरी नियत अधूरी इंसानियत
ये कहा आ गए ख़ुदा जहा न लोगो के पास दिल है
न ही इंसानियत न ही एक दूसरे से बोलना चाहते है
सिर्फ और सिर्फ पत्थर की मूर्ती है
सब अपने अहम में खोये हुए है
यह मै ही मै है हम नही है
झूठा संसार है झूठे लोग
इस से तो अच्छी थी अपनी मिटटी
अपना घर अपना सहर अपनी धरती अपना देश
नही चाहिए मुझे धन
नहीं चाहिए मुझे दौलत
मुझे चाहिए दिल का जहां
दिलवाले लोग
ये कहा आ गए ख़ुदा जहा न लोगो के पास दिल है
न ही इंसानियत न ही एक दूसरे से बोलना चाहते है
सिर्फ और सिर्फ पत्थर की मूर्ती है
सब अपने अहम में खोये हुए है
यह मै ही मै है हम नही है
झूठा संसार है झूठे लोग
इस से तो अच्छी थी अपनी मिटटी
अपना घर अपना सहर अपनी धरती अपना देश
नही चाहिए मुझे धन
नहीं चाहिए मुझे दौलत
मुझे चाहिए दिल का जहां
दिलवाले लोग
सच्चे दोस्त
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