Wednesday, 30 July 2014
मुहब्बत के लिए कुछ शब्द ही जरूरी है
अगर हमे मुहब्बत करनी आती है
हमारे लाब्जो में प्यार हो
और उसमे प्यार का एहसास हो
उस प्यार में विस्वास हो
ना आकर्षण हो ना वासना हो
सिर्फ मिलन की प्यास हो
आँखों में उनका इंतज़ार हो
ख्वाबो में उनका दीदार हो
तन्हाइयों में बात हो
जब कोई न मेरे साथ हो
हो तुम्हारी कल्पना
मेरी भावना मेरे पास हो
लाखो मील भी दूर...
Monday, 28 July 2014
Sunday, 27 July 2014
Thursday, 24 July 2014
मेरे प्रियवर मेरे साथी

मेरे प्रियतम ,
समझ नही आता मै क्या कहु तुमसे और क्या लिखू वक़्त जो आपके साथ बिताना था इतनी जल्दी बीत गया और अब जो समय अलग रहकर गुजारना है वो पता नही कैसे बीतेगा ये नही जानते है हम ,हर पल तुम्हारे संग जो गुजरा है वही हर पल अब तुम्हारे बिन गुजरेगा
...
Wednesday, 23 July 2014
Monday, 21 July 2014
ठहर जाये ये हरपल
वो नाम है वो पल है
वो हम है वो तुम हो
तुम में हम है
हम में तुम हो
हम एक दूसरे में गुम है
इन बाहो के दरमियाँ
एक धरती है तो
एक आसमा
देख रहे है दोनों उस छोर को
जहाँ पर दोनों मिलते है
नही है कोई भेद
नही है कोई अंतर
नाही कोई अलग कर सकता
नाही हम होंगे अलग
बस यही आरज़ू है दिल में
की ठहर जाये ये जमी
ठहर जाये ये आसमा
ठहर जाये ये दोनों जहां
ठहर जाये ये...
Sunday, 20 July 2014
तब कोई क्या कृष्णा की तरह इनकी लाज बचाएगा
राजनीति का शब्द अब अपसब्द जैसे बन गया
नैतिकता का जैसे अब पतन इनमे हो गया
मानसिकता का स्तर इस क़द्र गिर जायेगा इनमे
इनके लिए अब खुदा भी मुसाफिर हो गया
राजाओ की नीति इतनी अभद्र हो जाएगी
शब्दों की शीमा अपशब्दों में बंध जाएगी
हर कोई होगा दुस्साशन हर गली में पाप होगा
द्रौपदी की तरह हर नारी असहाय हो जाएगी
उसके हर श्रृंगार को लूटने जब दुर्योधन आएगा
तब कोई...
वो घटा जो हम पे बरस जाये तो कोई सितमगर हम पे जो सितम ढाये तो
वो घटा जो हम पे बरस जाये तो
कोई सितमगर हम पे जो सितम ढाये तो
खुसबू उस चमन की नसीब में नही
फूल न सही काटे ही मिल जाये जो
है उनके ही हम वो हमारे नही
चाँद है वो हमारे
हम सितारे सही
उनकी रोसनी से रोशन हो जाये तो
ताकते हम रहेंगे उनको ताउम्र यु ही
जिंदगी बना लेंगे कसम खुदा की
हकीकत में न सही ख्वाब में आये तो
वो घटा जो हम पे बरस जाये तो
कोई सितमगर...
आगोश में अपने तुझे ले तो लूँ लेकिन वक़्त कहता है अभी नही अभी नही
आगोश में अपने तुझे ले तो लूँ लेकिन
वक़्त कहता है अभी नही अभी नही
मै हूँ मसगूल थोड़ा अपनी मुहब्बत संग
अंग से अंग उनके मिलालूं तो सही
नजरे कहती है मै शर्म से झुक जाऊ गर
वो कहती है कुछ लम्हों के लिए ठहर जाओ जी
तन भी है संग मन भी है संग और
जहन से जहन में घुल गया है कही
ढूंढता तो चाहता हूँ उनको
उनमे खोकर के लेकिन
कुछ...
Friday, 18 July 2014
हम सुधरेंगे तभी जग सुधरेगा
मैं यहाँ बहरीन में जॉब करता हु ये एक मुस्लिम बाहुल्य देश है यह पर कानून इतना अच्छा है की रात को १२ बजे भी कोई लड़की जा रही है तो किसी की हिम्मत उसपर कमेंट करने की नही पड़ती है रपे तो बहुत दूर की कौड़ी है कोई लड़की स्वतंत्र रूप से कही भी घूम सकती है कही भी आ सकती है कही भी जा सकती है बिना किसी डर के बच्चे अकेले खेलते है उनके माँ बाप को कोई चिंता...
Wednesday, 16 July 2014
उनकी महफ़िल में हम बेगाने हो गए
उनकी महफ़िल में हम बेगाने हो गए
जबसे वो किसी और के दीवाने हो गए
समय के ये सिलसिले पुराने हो गए
उनकी महफ़िल में हम बेगाने हो गए
कोशिशे बहुत की हमने समझाने की
मन्नते भी की उनको मनाने की
वो न समझे हमारे दिल के हालात को
न समझे हमारे वो जज्बात को
वक़्त के हाथ खिलोने...
ये कैसी विरह वेदना है न तुम समझी न मै समझ सकी
कुछ दिल की धड़कन सुनते है
कुछ ख्वाब तुम्हारे बुनते है
पलकों के सिरहाने पर
ये नयन ताकते रहते है
तुम आओगे कब आओगे
बस यही सोचते रहते है
नैनों में है श्रृंगार सखी
मन की मुरली हर पल बजती
हम कहते है तुम थक सी गयी
लेकिन वो चलती ही रहती
मै नही थकी मै नही थकी
जाने वो किस से...
Tuesday, 15 July 2014
ये मेरे बचपन की बगिया है
ये मेरे बचपन की बगिया है
जिसको मैंने अपने सपनो से सींचा है
कुछ ख्वाब देखे इस आँगन में
जिसमे गिरते सम्भलते बहुत कुछ सीखा है
है कुछ बेगाने तो कुछ अपने भी
जिनके संग जीवन बीता है
कुछ अश्रु मिले कुछ खुशिया भी
जब हारके सब कुछ जीता है
है अब तो पुराना खंडहर सा
नयनो का झुरमुट रूठ गया
जो साथ चलता था उस पगडण्डी पे
अब साथ नही है बात नही
बस यादे है...
Sunday, 13 July 2014
कुछ नयन उनके कुछ कह रहे थे हमसे भी
कुछ नयन उनके कुछ कह रहे थे हमसे भी
हमारे नयन भी कुछ कम नही थे
धीरे धीरे वो मुड़के मुझको निहारे
हम भी थोड़ी सी कोशिश वही कर रहे
रोका उनने बहुत अपने नैनों को फिर भी
रोक हमने बहुत अपने नयनो को भी
ना वो रोक पाये न ही हम रोक पाये
चलते चले जा रहे बस इसी कस्मकस में
थोड़ा मुड़के उधर ये मन देखले तो
जैसे पीछे मुड़े तो वो भी हमको देख रहे थे
हाय ये क्या हुआ किसीने...
Saturday, 12 July 2014
अस्को का आशियाना बनाया है इस दिल ने इस क़द्र
अस्को का आशियाना बनाया है इस दिल ने इस क़द्र
जिसकी नदी ही एक बन गयी है जहन में मेरे
रो रो के सूख गया है पानी आँखों का
फिर भी खुदा की रहमत नही है तो इसमें कुसूर है क्या
मुफ़लिस हु अपनी जिंदगी से
बेकद्र हो गया है ये जमाना भी मुझसे
बस उम्मीद है की आगे जहाँ मिल जायेगा मुझे
...
मुझे दर दर मरने छोड़ दिया
क्यों हमारे सपने को चकनाचूर किया
हमने भी कुछ सोचा था पाने लिए
लेकिन उसने हमारी अस्मिता को झकझौर दिया
चंद लम्हों के सुकून की खातिर
हमारे सपनो को तोड़ दिया
अब अन्धकार है चारो तरफ मेरे
भविष्यहीन हो गया ये जीवन
उस बहसी दरिंदे ने मेरे
तन मन को छोड़ दिया
अब नही है जीने की आस मुझे
अब कोई नही है मेरे लिए
क्या क्या सोचा था हमने
उसने ख्वाबोको तोड़ दिया
उसने जिस्म...
ये क्या हुआ इन सफेदपोशो को
ये क्या हुआ इन सफेदपोशो को
क्यों हमारी डूबी लुटिया डुबोना चाहते है
हम तो उठ नही सकते है ये मालूम है हमे
फिर ये क्यों हद से ज्यादा अपने को गिराना चाहते है
वादो को करना और तोडना तो इनकी फितरत है
हमे दर्द बहुत मिला है जमाने से
फिर ये क्यों तड़पाना चाहते है हमे
...
एक चाय मिल जाती तो शाम और दिलनशी हो जाती
एक चाय मिल जाती तो
शाम और दिलनशी हो जाती
यहाँ मौसमी बारिस तो नही है
लेकिन ये मन फिर भी भीग गया
जो तू नही मिली मुझे
गर तेरी यादे मिल जाती तो
सायद ये जिंदगी रंगीन हो जाती
हाँ तुमसे दूर हूँ मै फिर भी
पास यादें है तुम्हारी
और तन्हा ये आलम है
चांदनी रात भी कुछ याद दिला रही है मुझे
कुछ तो है और कुछ जो नही है
बस इसी कस्मकस में तड़पता है ये दिल
हाँ...
Friday, 11 July 2014
प्यार और आकर्षण में बहुत अंतर होता है न जाने आज की पीढ़ी इसको पहचान ने में क्यों भूल करती है प्रेम सागर की तरह विशाल है
प्यार और आकर्षण में बहुत अंतर होता है न जाने आज की पीढ़ी इसको पहचान ने में क्यों भूल करती है
प्रेम सागर की तरह विशाल है
तो आकर्षण बहुत ही सूक्ष्म है
प्रेम में दया है करुणा है
तो आकर्षण में वासना है
प्रेम पापहीन है
आकर्षण पाप में लीन है
प्रेम हमे जीना सिखाता है
तो आकर्षण गहरे खड्डे में गिराता है
फिर हम क्यों नही पहचान पते है
दोनों में जमीन आस्मां...
There is a difference between love and attraction, why not let him forget that today's generation
There is a difference between love and attraction, why not let him forget that today's generation
Love is as vast as the ocean
It is very subtle attraction
Love is compassion, in kindness
If there is a desire to charm
Love is Paphin
Attraction is absorbed in sin
Love teaches us to live
Drops into a ditch so deep attraction
Why do we not recognize...
वो लड़ना झगड़ना वो रूठना मनाना
वो लड़ना झगड़ना वो रूठना मनाना
वो रूठ के जाना मेरा घंटो मनाना
कभी कान पकड़ते तो कभी इसारो में कहते
की मान जाओ सनम मान जाओ
अब हम न करेंगे सरारत
बस करेंगे मुहब्बत
उन पलो में भी क्या था
जो आज नही है
तब मेरे सपने ही हकीकत थे
लेकिन आज ख्वाब भी नही है
तंग गालिया हुई अब
अब रहा न वो बचपन
उम्र के इस सफर ने
ढाया है ये सित...
ये जिंदगी क्यों इतनी नीरस हो गयी
ये जिंदगी क्यों इतनी नीरस हो गयी यहाँ तो मेरे पास सब कुछ है सिर्फ तुम्हारे सिवा फिर भी मन में आज ऐसा क्यों प्रतीत हो रहा है क्या ये प्रेम में विरह की पीड़ा है या फिर और कुछ। कुछ भी समझ नही आ रहा है न ही कुछ करने को मन हो रहा है न ही कही आने का न ही कही जाने का ये क्या है क्या...
क्यों अपनी ही राह में हम मुसाफिर की तरह है
क्यों अपनी ही राह में हम मुसाफिर की तरह है
मुहब्बत को अपना आशियाना बना ले गर
मंजिले है बहुत इस राह में
कुछ सीधी है कुछ टेढ़ी है
कुछ का नहीं है पता तो
कुछ खुद ढूंढ रही है अपने पते को
मुहब्बत को अपना आशियाना बना ले गर
मंजिले है बहुत इस राह में
कुछ सीधी है कुछ टेढ़ी है
कुछ का नहीं है पता तो
कुछ खुद ढूंढ रही है अपने पते को&nbs...
मेरे कान्हा
मेरे कान्हा भी कभी कभी मेरे साथ सरारत करते है कभी कभी मुझे सताते है आज सुबह मई मंदिर में उन्हें स्नान करा रहा था उसके पहले उनका मुकुट और माला और उनके कपडे उतार रहा था की स्नान कर लो लेकिन कभी वो अपना माला खीच रहे कभी अपना मुकुट नही दे रहे कभी इधर कभी उधर भाग रहे मुझे भी इनकी ये सरारत देख कर मन ही मन आनंद मिल रहा था और मै बार बार...
क्यों हम इनकी बात करे जो हमारी नही सोचते है
क्यों हम इनकी बात करे जो हमारी नही सोचते है
जो सिर्फ और सिर्फ स्वार्थ से जुड़े हुए है
इनका धर्म इनका कर्म इनका ईमान
और यह तक इनकी रोजी रोटी भी स्वार्थ से सनी हुई है
ये सिर्फ अपनी कुर्सी से प्यार करते है नाही हमसे नाही हमारे देश से
ये सफ़ेद कपड़ो में लुटेरे है
तो हम क्यों इनका विस्वास करे
हर पल हर लम्हा इन्होने हमारे सपनो को चकनाचूर किया है
तो...
Monday, 7 July 2014
Saturday, 5 July 2014
वो इसारे से समझाना
वो इसारे से समझाना
अंजानी भाषा में बात करना
कुछ भी कहने में असमर्थ शब्दों से
लेकिन इसारो से बया करना
वो तुतलाती हुई जुबा से
नन्हे नन्हे कदमो पे आना
कभी गिरना कभी सम्भलना
फिर उठके मेरी गोदी में आना
वो मासूमियत वो मुस्कान
याद रहेगी मेरे दिल हमेसा
मेरा नन्हा सा दिल
जाने मुझसे क्या कहता
इन पलो में जैसे सारा जहां समय है
जन्नत की शैर से काम नही ये पल मेरे...
एक अधूरा जहां अधूरे लोग अधूरी नियत अधूरी इंसानियत
एक अधूरा जहां अधूरे लोग अधूरी नियत अधूरी इंसानियत
ये कहा आ गए ख़ुदा जहा न लोगो के पास दिल है
न ही इंसानियत न ही एक दूसरे से बोलना चाहते है
सिर्फ और सिर्फ पत्थर की मूर्ती है
सब अपने अहम में खोये हुए है
यह मै ही मै है हम नही है
झूठा संसार है झूठे लोग
इस से तो अच्छी थी अपनी मिटटी
अपना घर अपना सहर अपनी धरती अपना देश
नही चाहिए मुझे धन
नहीं चाहिए मुझे दौलत
मुझे...
Friday, 4 July 2014
मनुष्यता पर प्रहार
आजकल हम क्यों मनुष्यता पर प्रहार करने से नही चूकते है क्यों कभी कभी हम मासूमियत का भी गाला घोटने से हिचकिचाते नही है आजकल की दिनचर्या अपनी संस्कृति से खिलवाड़ ये क्या है क्यों हम इतने क्रुद्ध और निर्मम होते जा रहे है क्या दया भाव का लोप होता जा रहा है ऐसा क्यों सायद हम अत्यधिक स्वार्थी हो गए है और इतना की सिर्फ मै ही मैं दिखाई देता है और कछ दीखता ही...
हमे काफ़िर समझे दुनिया तो समझने दो पर हम तुम्हारी इबादत करेंगे
हमे काफ़िर समझे दुनिया तो समझने दो
पर हम तुम्हारी इबादत करेंगे
टूट जाये चाहे जितने महल सपनो के
लेकिन दिल न टूटने देंगे अपनों के
हर तूफ़ान से लड़ेंगे
कभी गिरेंगे कभी संभलेंगे
आसमा पे उड़ने की ख्वाइश नही है मेरे दोस्तों
उनको मुमताज तो हम मुहब्बत के शाहजहाँ बनेंगे
बंदगी करेंगे हमेसा हर दिल की
जो मुहब्बत को जिंदगी समझते है
हमे काफ़िर समझे दुनिया तो समझने दो
पर...
वो मुस्कराती हुई शाम याद आती है जब शाम ढलते ही जम्हाई आती थी
वो मुस्कराती हुई शाम याद आती है
जब शाम ढलते ही जम्हाई आती थी
मन से एक आवाज आती थी की
एक चाय की प्याली मिल जाए
हम भी धीमी आवाज में डरते डरते कहते थे
अजी सुनती हो शाम ढलने को है
उधर से तेज और कुछ भुनभुनाती हुई आवाज आती
हां पता है मुझे मुझसे ज्यादा किसकी जरुरत है तुम्हे
हम भी थोड़ा बहलाते थे थोड़ा फुसलाते थे
कभी कभी अपने कान पकड़कर उनको मनाते थे
लगा दिल...
he smiles miss Evening When sunset came yawning
he smiles miss Evening
When sunset came yawning
A voice came from the mind of
Get a cup of tea
We used to say in a low tone gingerly
O listen to the evening's set!
The voice was sharp and Bhunbhunati
Ya know what I need you more than me
We were also a little amused were Fuslate
He grabbed his ears were occasionally observed
I put a smile on your face...
तो इतने गुनाह क्यों हमने किये
कभी ख्यालो में ऐसे ही
उन से जाने कैसे सवाल पूछते थे हम
कभी तन्हा रातो में चाँद से बाते करते थे हम
अभी सोचते है हम की क्या हम तब ठीक थे या अब हम
तब कुछ भी नही था मेरे पास इस दिल के सिवा
आज सब कुछ है बस दिल के सिवा
तब हमे खुसी मिल जाती थी चंद पैसो से
अब लाखो कमा कर भी छोटी सी खुसी के लिए तरसते है
तब रिश्ते थे नाते थे यार थे दोस्त थे
अब...
So why do we have so much crime
Never in thanking the same
How were we going to ask them questions
We never used to talk to the moon in lonely nights
Just what we think we were right then or now
Then there was nothing to me except the heart
Today, everything else is just heart
Then we'd find a few money from happiness
happiness earn millions thirsting for now is too small
Relationships...
वो इसारे से समझाना
वो इसारे से समझाना
अंजानी भाषा में बात करना
कुछ भी कहने में असमर्थ शब्दों से
लेकिन इसारो से बया करना
वो तुतलाती हुई जुबा से
नन्हे नन्हे कदमो पे आना
कभी गिरना कभी सम्भलना
फिर उठके मेरी गोदी में आना
वो मासूमियत वो मुस्कान
याद रहेगी मेरे दिल हमेसा
मेरा नन्हा सा दिल
जाने मुझसे क्या कहता
इन पलो में जैसे सारा जहां समय है
जन्नत की शैर से काम नही ये पल मेरे...
Thursday, 3 July 2014
Comedy Videos
Hi in this post i will show you some comedy videos which all of you will like.These videos can be from movie or hand made videos.
*****
Best comedy clip from The chinese movie The Forbidden Kingdom
*****
This is best comedy video of a child who is very young.He laughs very loudely.
...
How to cut a video using VLC
In this post i will show how you can cut a video from another video using VLC.
For this there are following steps:
1)First open any video file
2)Then go to view menu and select advanced options option
now 4 buttons will be added.
For start recording press the leftmost button and to stop it again press that button.
now the clip has been created...
Comedy Posts
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A guy calls an unknown number..
Guy: Fridge hai?
Reply: Haan hai.
Guy: Chalta hai?
Reply: Haan chalta hai..
Guy: Toh pakad ke rakhna, warna bhaag jaayega..
And he hangs up.. After a while, he calls up again..
Guy: Fridge hai?
This time the person’s really angry.
Reply: Nahi hai.
Guy: Kahaan se hoga.. Bola tha na pakad ke rakhna varna bhaag jaayega..
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Pehle...
when we saw him in the mirror Why then slew a million times
when we saw him in the mirror
Why then slew a million times, we
If you see of yourself in the mirror everyday we
But we were not too faint
That is the question we are asking ourselves
He Nur heaven or no Khksha
The prayer of the heart every moment that beauty
We think the same is staring in the mirror
We would love to get myself one day
But challenged...
क्यों
क्यों अपने कुछ स्वार्थ में वशीभूत होकर हम अपने धर्म को अपने आत्मा को अपने मैं को भी दाव पर लगा देते है क्या यही मनुष्यता है क्या यही हमारे पूर्वजो ने हमे सिखाया है क्या यही हमारी संस्कृति है जिसके लिए हम संपूर्ण संसार में जाने जाते है .....
acid attack in our hearts
The acid throwing incidents is growing in our country these days Bdin our mindset rolled reflecting how our mindset can not leave everything in the hands of the government. We also have some responsibility towards our society and our own country prati hum kab tak apni jimmedari se muh....