हम तो तन्हा ही जियेंगे अब तुम्हारे बिन शायद की रोज भूलने की तुमको हम कोशिश जो करते है रोज नाकाम होते रोज बदनाम होते है तेरे मेरे चर्चे तो अब सरे आम होते है रोज खोते है तुमको फिर ख्वाबो में हम पा जाते हैतेरे रास्तो को भूल कर तेरे घर तक आ जाते है
We'll live only so lonely without you, perhaps now When the day is that we try to forget , Are notoriously fail every day You are my posts so now publicly If you are unable to then we lose everyday dreams Forgetting your paths have come to your house
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