कभी कभी हमारे जीवन में कुछ ऐसी घटनाये घटित हो जाती है जिनके बारे में न दिल ने कभी सोचा होता है ना ही उन्हें समझने की हिम्मत ही होती है उसके अन्दर कुछ ऐसी उथल पुथल मच जाती है ये देखकर की वो सोचने और समझने की स्थिति में नही होता है जैसे सीसे की तरह कई अनगिनत टुकड़े हो जाते है और वो जब एक एक करके हमे दिलो में चुभते है तो हाय वो दर्द बहुत ही असहनीय होता है पर ये निर्मम लोग जिन्हें दया क्षमा प्यार इन सबसे कोई लेना देना ही नही होता है वो क्या जाने वो क्या समझेंगे इस दर्द को पर मई अपने इस दिल का क्या करू जो असहनीय पीड़ा से गुजर रहा है ना आह निकल पा रही है नाही जिया जा रहा है नाही मौत आ रही है और नाही कुछ और उपाय नजर आ रहा है बस और बस उप्प्रे वाले से यही दुआ कर रहा हु की ऐसा दर्द दुश्मन को भी न दो
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