जो रोलु चैन आता है मन हल्का हो जाता है मुस्कराहट को खोजता हु धुँआ सा फिर हो जाता है धुएं में खो जाती यादे थम जाती मद्धम ये साँसे तुम्हे देखा करे ये दिल जाने इसमें क्या पाता है देखता रहता है हर पल तेरी तस्वीर को ये दिल समझना भी बडा मुस्किल जाने क्या समझा जाता है जो रोलु चैन आता है मन हल्का हो जाता है मुस्कराहट को खोजता हु धुँआ सा फिर हो जाता है नही कोई मेरी मंजिलना इस मंझधार का साहिल है सिमटी हुई ये नदी हर लम्हा थम सा जाता है
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