वो तेरे सुर्ख लबो की कहानी याद आती है हा वो बीते हुए लम्हों की जवानी याद आती है की कुछ तुमने कहा था और सुना था मैंने भी तुमसे मना किया था तुमने फिर भी वो मनमानी याद आती हैवो तेरे सुर्ख लबो की कहानी याद आती है हा वो बीते हुए लम्हों की जवानी याद आती है होठ वो मय के प्याले थे केश सावन की घटाए थी बाहों में कैद थे हम तुम वो रवानी याद आती है वो तेरे सुर्ख लबो की कहानी याद आती है हा वो बीते हुए लम्हों की जवानी याद आती है न तुमने कुछ कहा कुछ पल लेकिन सुन लिया मैंने धीरे से पास आये हम अपने को खो लिया मैंने आँखों की वो ह्या और लाज हमपे बिजली गिराती है वो तेरे सुर्ख लबो की कहानी याद आती है हा वो बीते हुए लम्हों की जवानी याद आती है की कुछ तुमने कहा था और सुना था मैंने भी तुमसे मना किया था तुमने फिर भी वो मनमानी याद आती है
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