कभी कभी पूछता हु खुदा से ये दिल बनाया क्यों तुमने
दिल ही बनाया क्यों दर्द को बनाया था
दर्द ही देना था जो दिल में तुमको
तो मुहब्बत का आशियाँ क्यों बनाया था
न बनाते तुम प्यार का ये ताजमहल
ना ही हम आते कभी इस डगर
हम तो अनजान थे ये पता ना था
अंजामे मुहब्बत में दर्द मिलता है सदा
ना किया होता इसको तो ना हम होते जुदा
हम भी प्यारे होते उनको ना होते वो खफा
गर यही होता है इसमें तो ऐसा क्यों होता है
बार बार हजार बार ये नाजुक, शीशा ए दिल टूटा है
इसमें
हाय जब ये चुभन होती है
दर्द रह रह कर सजा देता है
और हर पल हम तडपते है यु ही
रोते रहते है यु ही तन्हा हम
हा अकेले ही अकेले ना कोई साथ होता है
यही करना था जब अंजाम इसका
तो क्यों बनाई ये मुहब्बत
क्यों किया जुदा हमको
बस यही सवाल करता हु
बस यही सवाल करता हु
ऐसे मंझधार में लाके छोड़ा
जीते जी हर पल मै मरता हु
जीते जी हर पल मै मरता हु
जीते जी हर पल मै मरता हु
दिल ही बनाया क्यों दर्द को बनाया था
दर्द ही देना था जो दिल में तुमको
तो मुहब्बत का आशियाँ क्यों बनाया था
न बनाते तुम प्यार का ये ताजमहल
ना ही हम आते कभी इस डगर
हम तो अनजान थे ये पता ना था
अंजामे मुहब्बत में दर्द मिलता है सदा
ना किया होता इसको तो ना हम होते जुदा
हम भी प्यारे होते उनको ना होते वो खफा
गर यही होता है इसमें तो ऐसा क्यों होता है
बार बार हजार बार ये नाजुक, शीशा ए दिल टूटा है
इसमें
हाय जब ये चुभन होती है
दर्द रह रह कर सजा देता है
और हर पल हम तडपते है यु ही
रोते रहते है यु ही तन्हा हम
हा अकेले ही अकेले ना कोई साथ होता है
यही करना था जब अंजाम इसका
तो क्यों बनाई ये मुहब्बत
क्यों किया जुदा हमको
बस यही सवाल करता हु
बस यही सवाल करता हु
ऐसे मंझधार में लाके छोड़ा
जीते जी हर पल मै मरता हु
जीते जी हर पल मै मरता हु
जीते जी हर पल मै मरता हु
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