ये दिल इतना नादाँन क्यों होता है हर गम से अनजान क्यों होता है होता है बहुत ही नाजुक कुछ सीसे की तरहा टूटने में वक़्त ही नही लगता लेकिन जुड़ने में सदिया कम पड जाती है फिरभी ये इतना महान क्यों होता है ये दिल इतना नादाँन क्यों होता है हर गम से अनजान क्यों होता है जाने कितने दर्द सहता है फिर भी ये ना कुछ कहता है रोता रहता है मन ही मन में हर गम से अनजान क्यों होता है ये दिल इतना नादाँन क्यों होता है
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