मै टूट कर जिसके लिए रोया उसने इक बार ना पुछा की दिल को क्यों तडपाते हो वो जिसके लिए मैंने सब कुछ था खोया उसने इक बार ना पुछा की तुम क्यों चले जाते हो की दिल को क्यों तड़पाते हो अधूरा था अधूरा हु न पूरा था ना पूरा हु मैंने भी उनसे ये पुछा ख्वाब बनके तुम क्यों आते हो की दिल को क्यों तड़पाते
वो लड़ना झगड़ना वो रूठना मनाना
वो लड़ना झगड़ना वो रूठना मनाना
वो रूठ के जाना मेरा घंटो मनाना
कभी कान पकड़ते तो कभी इसारो में कहते
की मान जाओ सनम मान जाओ
अब हम न करेंगे सरारत
बस करेंगे…Read More
दम घुटता है इस आशियाने में कभी कभी
दम घुटता है इस आशियाने में कभी कभी
क्योकि सब कुछ है इसमें पर तुम नही
आती है हर पल वो आहट तुम्हारी
जब चुपके आके कान में कुछ कह जाती थी
कुछ आता था समझ …Read More
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