हम डूबे हुए थे तेरी खातिर मझधार में फिर भी की आवाज एक निकलेगी और तुम पास आओगे Kavita house 05:21 Kavita Sangrah No comments हम डूबे हुए थे तेरी खातिर मझधार में फिर भीकी आवाज एक निकलेगी और तुम पास आओगेसाँसों की तार टूटेगी मेरी साँसों से जब भी की मै डूबूँगा और पतवार बनके पास आओगेदी आवाज हमने तुमको साँसों के निकलने तक ना आये पास मेरे तुम मेरी धड़कन के थमने तक Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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