हम डूबे हुए थे तेरी खातिर मझधार में फिर भी की आवाज एक निकलेगी और तुम पास आओगे
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हम डूबे हुए थे तेरी खातिर मझधार में फिर भी की आवाज एक निकलेगी और तुम पास आओगे हम डूबे हुए थे तेरी खातिर मझधार में फिर भीकी आवाज एक निकलेगी और तुम पास आओगेसाँसों की तार टूटेगी मेरी साँसों से जब भी की मै डूबूँगा और पतवार … Read More
जमाना कितना जालिम है हम इसकी हद को देखेंगे जमाना कितना जालिम है हम इसकी हद को देखेंगे हां उस राह पे फिर से गुजर कर हम भी देखेंगे नही दरिया नही साहिल नाही कोई मंजिल है हा इस र… Read More
हाल ए दिल कभी कभी हमारे जीवन में कुछ ऐसी घटनाये घटित हो जाती है जिनके बारे में न दिल ने कभी सोचा होता है ना ही उन्हें समझने की हिम्मत ही होती है उसके अन्दर&… Read More
कभी कभी बेकसूर होते हुए भी हम कुसूर वार बन जाते है कुछ भी नही किया होता है लेकिन गुनहगार बन जाते है कभी कभी बेकसूर होते हुए भी हम कुसूर वार बन जाते है कुछ भी नही किया होता है लेकिन गुनहगार बन जाते है गुनाहे अंजीम के हकदार बन जाते है&nbs… Read More
हम तो तन्हा ही जियेंगे अब तुम्हारे बिन शायद हम तो तन्हा ही जियेंगे अब तुम्हारे बिन शायद की रोज भूलने की तुमको हम कोशिश जो करते है रोज नाकाम होते रोज बदनाम होते है तेरे मेरे चर… Read More
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