जमाना कितना जालिम है हम इसकी हद को देखेंगे
Related Posts:
वो लड़ना झगड़ना वो रूठना मनाना वो लड़ना झगड़ना वो रूठना मनाना वो रूठ के जाना मेरा घंटो मनाना कभी कान पकड़ते तो कभी इसारो में कहते की मान जाओ सनम मान जाओ अब हम न करेंगे सरारत बस करेंगे… Read More
दम घुटता है इस आशियाने में कभी कभी दम घुटता है इस आशियाने में कभी कभी क्योकि सब कुछ है इसमें पर तुम नही आती है हर पल वो आहट तुम्हारी जब चुपके आके कान में कुछ कह जाती थी कुछ आता था समझ … Read More
जज्बाते मुहब्बत दिल के जख्मो पे मरहम लगाते लगाते घाव उनके भर गये लेकिन मर हम गये … Read More
आगोश में अपने तुझे ले तो लूँ लेकिन वक़्त कहता है अभी नही अभी नही आगोश में अपने तुझे ले तो लूँ लेकिन वक़्त कहता है अभी नही अभी नही मै हूँ मसगूल थोड़ा अपनी मुहब्बत संग अंग से अंग उनके मिलालूं त… Read More
क्यों हम इनकी बात करे जो हमारी नही सोचते है क्यों हम इनकी बात करे जो हमारी नही सोचते है जो सिर्फ और सिर्फ स्वार्थ से जुड़े हुए है इनका धर्म इनका कर्म इनका ईमान और यह तक इनकी रोजी रोट… Read More
0 comments:
Post a Comment