हमारी इल्तजा है उनसे की मान जाए मेरी मुहब्बत को
वरना सुनसान कर देंगे ये जहाँ और लोग भी तरसेंगे
मुहब्बत का नाम सुनने से
मान जा मेरी बात कर लेने दे ये इबादत
एक इकरार की मन्नत है मन मेरे जन्मो से
वरना खंडहर हो जायेगा ये शीशा ए दिल
चूर चूर हो जायेगा ये मन का ताज महल
वरना सुनसान कर देंगे ये जहाँ और लोग भी तरसेंगे
मुहब्बत का नाम सुनने से
मान जा मेरी बात कर लेने दे ये इबादत
एक इकरार की मन्नत है मन मेरे जन्मो से
वरना खंडहर हो जायेगा ये शीशा ए दिल
चूर चूर हो जायेगा ये मन का ताज महल
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