तूफां है इस दिल ने लाखो समेटे हुए
शांत है हम समंदर की तरहा
लहरे आती है तो मंन में ज्वार उठता है कभी
कभी मद्धम होता है तो साँसे रुक जाती है
सैलाब है जमाने की तरहा इस दिल में भी
कभी संभलते है तो कभी गिर जाते है
उम्र हुई नही है मेरी अभी जवानी की
लेकिन मुहब्बत में कदम लड़खड़ाते है
शांत है हम समंदर की तरहा
लहरे आती है तो मंन में ज्वार उठता है कभी
कभी मद्धम होता है तो साँसे रुक जाती है
सैलाब है जमाने की तरहा इस दिल में भी
कभी संभलते है तो कभी गिर जाते है
उम्र हुई नही है मेरी अभी जवानी की
लेकिन मुहब्बत में कदम लड़खड़ाते है
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