बहुत गुनाह किया मेरे हमसफ़र तुझको अपने से जुदा करके
लेकिन ये वक़्त की मजबूरी थी जो कभी चाहते थे जिंदगी से बढ़कर
वो कुछ लम्हों के लिए खफा हुए मुझसे
की वक़्त का हर लम्हा पूछता है मुझसे
कैसे कटे उनके बिन
हम भी कुछ सोचते है
कुछ कहते कहते मनसे
भीग जाते है अपने आनुओ से
ये बारिस है अति है जाती है
लेकिन एक मीठा सा दर्द जो समेटे हुए है अपने अंदर
उसका भी एहसास करा जाती है
हमे भी इन्तजार रहता है
की कब वो पल आएगा
और वो जो खफा है
हमसे जो जुड़ा है
खो गए है जो मुझसे मेरे पल
वो मिल जायेंगे
वो मिल जाएंगे
लेकिन ये वक़्त की मजबूरी थी जो कभी चाहते थे जिंदगी से बढ़कर
वो कुछ लम्हों के लिए खफा हुए मुझसे
की वक़्त का हर लम्हा पूछता है मुझसे
कैसे कटे उनके बिन
हम भी कुछ सोचते है
कुछ कहते कहते मनसे
भीग जाते है अपने आनुओ से
ये बारिस है अति है जाती है
लेकिन एक मीठा सा दर्द जो समेटे हुए है अपने अंदर
उसका भी एहसास करा जाती है
हमे भी इन्तजार रहता है
की कब वो पल आएगा
और वो जो खफा है
हमसे जो जुड़ा है
खो गए है जो मुझसे मेरे पल
वो मिल जायेंगे
वो मिल जाएंगे
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