हमे अपने अंतर्मन में निश्चित करना चाहिए कि हम क्या है ,हमारा जन्म
क्यों हुआ ,हमारा इस धरती में जन्म लेने का उद्देश्य क्या है हमे अपने आप
से ये सवाल करना चाहिए और अपने आप को जानना बहुत ही आवश्यक होता है और जो
मनुष्य अपने आप को नही जान पाया वो भला दुसरो कैसे जान सकता है कैसे समझ
सकता है परन्तु हमे आत्मचिंतन करना चाहिए क्या हम जीवन भर ऐसे ही अपने
जीवनचक्र में भ्रमित रहेंगे क्या हमे अपने स्वयं के लिए अपने पास समय नही
है
अगर हम ऐसे चलते रहेंगे ऐसे ही जलते रहेंगे ऐसे ही घुलते रहेंगे तो हम आने वाले समय के साथ न ढल पाने के कारण भस्म हो जायेंगे या तो स्वयं
या फिर समय हमे भस्म कर देगा
उठो जागो नए सवेरे का सृजन करो
हम सब संगठित होकर ये प्रण ले कि
हम अपने साथ साथ मानवहित भी करेंगे
अन्यथा हम भस्म हो जाएंगे
जागो खुद अर्जुन बनो खुद कृष्णा तुम्हारे अंदर है
खोजो पाओ
जय श्री कृष्णा
अगर हम ऐसे चलते रहेंगे ऐसे ही जलते रहेंगे ऐसे ही घुलते रहेंगे तो हम आने वाले समय के साथ न ढल पाने के कारण भस्म हो जायेंगे या तो स्वयं
या फिर समय हमे भस्म कर देगा
उठो जागो नए सवेरे का सृजन करो
हम सब संगठित होकर ये प्रण ले कि
हम अपने साथ साथ मानवहित भी करेंगे
अन्यथा हम भस्म हो जाएंगे
जागो खुद अर्जुन बनो खुद कृष्णा तुम्हारे अंदर है
खोजो पाओ
जय श्री कृष्णा
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