प्यार करने के लिए ना ही कुछ कहने की जरूरत होती है ,ना ही कुछ सुनने
की जरूरत होती है ,ना ही कुछ भी खोने की ना ही कुछ पाने की ,उसके लिए एक
अनछुआ प्यारा सा एहसास होना चाहिए ,जिसमे हम अपनी वास्तविक आँखों से नहीं
अपितु अपने मन कि आँखों से देखने की शक्ति होनी चाहिए ,तो हम निशचल मन से
जिसको भी चाहे प्यार कर सकते है ,वह कोई भी हो ,कही भी हो, चाहे हो वो
हमारे पास हो ,चाहे वो हमसे दूर हो ,
चाहे इस जमी पर हो ,चाहे मीलो दूर उस आसमा पर……………… …… ……
चाहे इस जमी पर हो ,चाहे मीलो दूर उस आसमा पर……………… …… ……
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