कुछ समंदर है आँखों में मेरे
तो कुछ दिल में रहते है हरदम
कुछ तूफां लाते है विचारो में मेरे
तो कुछ खामोश रहते है मन में मेरे
कभी कभी ख़ामोशी में भी बेचैनी सी होती है
तो कभी कभी बिन आंसुओ के रोती है ये आँखे
कभी कभी नम हो जाता है जहन
जो सताती है हर पल यादे तेरी
मद्धम सी रफ़्तार हो जाती है इस दिल के मेरे
लेकिन ये समंदर है और हम तूफ़ान है
मुहब्बत है मेरी एक प्यासी नदी
है जो इस मन के सागर से मिलने चली
बचें ये भी तो
सायद हम भी कम नहीं
लेकिन देखते है वो कम है
या हम में है कमी
तो कुछ दिल में रहते है हरदम
कुछ तूफां लाते है विचारो में मेरे
तो कुछ खामोश रहते है मन में मेरे
कभी कभी ख़ामोशी में भी बेचैनी सी होती है
तो कभी कभी बिन आंसुओ के रोती है ये आँखे
कभी कभी नम हो जाता है जहन
जो सताती है हर पल यादे तेरी
मद्धम सी रफ़्तार हो जाती है इस दिल के मेरे
लेकिन ये समंदर है और हम तूफ़ान है
मुहब्बत है मेरी एक प्यासी नदी
है जो इस मन के सागर से मिलने चली
बचें ये भी तो
सायद हम भी कम नहीं
लेकिन देखते है वो कम है
या हम में है कमी
0 comments:
Post a Comment