कभी कभी हमारे जीवन में बहुत उथल पुथल होती है लेकिन हम क्या कर सकते है
हम मजबूर होते है उन परिस्थितियों के लिए क्योकि उनपर हमारा नियंत्रण नही
होता है और उसका एक मात्र यही कारण होता है की दिल पर सभी का जोर नही चलता
क्योकि दिल सिर्फ अपने तरीके से चलता है अपनी करता है उस पर हमारा बस नही
चलता है और हम यही सोचते रहते है की कैसे भी इसको नियंत्रित करे परन्तु। ……
हम असहाय होते है
और हम ये क्यों सोचते है की हम जो चाहे वो कर सकते है चाहे वो गलत हो चाहे वो सही हो क्यों हम सिर्फ अपनी बात मनवाने के लिए मन को विवस कारण की कोशिश करते है ये तो सरासर गलत है
लेकिन सायद ये कहना सच है की प्यार एक अप्रयास हींन प्रक्रिया है जो की नही जाती अपितु ही जाती है जब हमारा जोर ही नही इस पर तो जमाना हमे क्यों दोष देता है
और हम ये क्यों सोचते है की हम जो चाहे वो कर सकते है चाहे वो गलत हो चाहे वो सही हो क्यों हम सिर्फ अपनी बात मनवाने के लिए मन को विवस कारण की कोशिश करते है ये तो सरासर गलत है
लेकिन सायद ये कहना सच है की प्यार एक अप्रयास हींन प्रक्रिया है जो की नही जाती अपितु ही जाती है जब हमारा जोर ही नही इस पर तो जमाना हमे क्यों दोष देता है
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