कभी ख्वाबों कि परछाइयो तले
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ये कैसा अभिशाप है ये कैसा अभिशाप है मैंने क्या पाप किया है क्या आज के जीवन में गरीबी अभिशाप है मै कल भी पूछता था और आज भी पूछता हु और सायद कल … Read More
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