हम हर पल हर लम्हा कुछ कहेना चाहते है कुछ सुनना चाहते है,कुछ चाहते है,तो कुछ छिपाना चाहते है,लेकिन मेरे सामने ये बहुत बड़ा सवाल है मै... किस से कहू,किसको बताऊ अपने मनन की बात,किसको sunaau जो मेरे इस ह्रदय में उथल पुथल मचा रहा है,मेरे विचारो को समंदर के विशाल वेग से भी तेज क्र रहा है,आखिर कोई तो होना चाहिए जिसको मै अपने मनन की व्यथा बता सकूं...
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