तेरी मासूम मुस्कराहट
निश्छलता की नदी है जैसे
पवित्र है तू गंगा की तरह
स्वेत है तू वीणावादिनी की तरह
तेज है तुझमे माँ जगजननी का
भस्म कर देती हो बस कुछ क्षणों में
काम क्रोध मोह रूपी राक्षस को
तेरी जय हो जय हो सदा ही जय हो
माँ अम्बे
निश्छलता की नदी है जैसे
पवित्र है तू गंगा की तरह
स्वेत है तू वीणावादिनी की तरह
तेज है तुझमे माँ जगजननी का
भस्म कर देती हो बस कुछ क्षणों में
काम क्रोध मोह रूपी राक्षस को
तेरी जय हो जय हो सदा ही जय हो
माँ अम्बे
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