ek muskaan: आज दिल बेचैन है तुम बिन Kavita house 10:08 Kavita Sangrah No comments ek muskaan: आज दिल बेचैन है तुम बिन: आज दिल बेचैन है तुम बिन आज के दिन भी जो दूर हु तुमसे मै ये सात समंदर कई दीवारों की तरह है जिन्हें तोडना आज मेरे बस में नही है मन भारी ... Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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