है दरिया जो समेट रखा इस दिल नेउसकी मंजिल सायद तुम्ही हो लाख टुकड़े करो तुम मेरे ख़त के दिल तोड़ो तुम हजार बार मत देखो मुझे अपने सपनो में तो क्या लेकिन क्या याद रखोगी की क्या दीवाना मिला है जिसको तुमने पल पल हरपल बेगाना किया है हा आज भी मेरे दिल की हसरत तुम ही हो
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