ek muskaan: अब मन पे नशा छाने लगा है Kavita house 00:25 Kavita Sangrah No comments ek muskaan: अब मन पे नशा छाने लगा है: अब मन पे नशा छाने लगा है खुली आँखों से कोई अपना बनाने लगा है चद्दर से ढकने की बहुत कोशिश की मैंने फिर भी मेरे बाजू में आके वो मुझको सताने... Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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