जीवन के हर पहलू को इतनी सुन्दरता से आपने वर्णन किया है सुख और दुःख दोनों ही धुप और छाव की तरहा होते है उनकी सत्यता को परिभाषित करना हर किसी के बस की बात नही होती और बहुत से लोग तो अपनी ही दिनचर्या में इस कदर लींन रहते है की उनको और किसी चर्चा के लिए समय ही नही मिलता की दींन दुनिया में और भी लोग रहते है तो चलो कुछ पहल हम ही करते है जिनकी हमे जरूरत है उनको सहारा देते है ये भी हमारा ही उत्तरदायित्व है कोई और नही आएगा इसके लिए भगवान् ने हमे ही बनाया है कोई विशेष व्यक्ति नही होता है जबकि हमे विशेष बनना पड़ता है और विशेष नही बल्कि कमसे कम जो असहाय है उनकी कुछ तो मदद कर ही सकते है और ये जीवन रुपी धुप और चाव हर किसी की जिन्दगी का अटूट सत्य है जिसके सामने होकर हर किसी को गुजरना है कोई भी इससे मुह नही मोड़ सकता है सबको इसका सामना करना पड़ेगा तो आइये जीवन के इन अनमोल लम्हों को प्रभू के बनाये रास्तो पर खर्च करके देखे और ये निश्चित है की इसका फल अच्छा ही होगा
मानवता को पहचानो इंसानियत को मानो इसकी ना ही कोई भाषा है ना ही कोई बोली प्यार ही इसकी पहचान है और प्यार ही इसमें बलिदान है जितना लूटाओगे इसको उतना ही पाओगे इसको प्यार प्यार प्यार बस बाटो प्यारऔर ये जीवन रुपी धुप और चाव हर किसी की जिन्दगी का अटूट सत्य है जिसके सामने होकर हर किसी को गुजरना है कोई भी इससे मुह नही मोड़ सकता है सबको इसका सामना करना पड़ेगा तो आइये जीवन के इन अनमोल लम्हों को प्रभू के बनाये रास्तो पर खर्च करके देखे और ये निश्चित है की इसका फल अच्छा ही होगा मानवता को पहचानो इंसानियत को मानो इसकी ना ही कोई भाषा है ना ही कोई बोली प्यार ही इसकी पहचान है और प्यार ही इसमें बलिदान है जितना लूटाओगे इसको उतना ही पाओगे इसको प्यार प्यार प्यार बस बाटो प्यार
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