जिंदगी एक अनसुलझी पहेली
जिंदगी एक अनसुलझी पहेली सी हो हो गई है,
थकी सी हारी सी खंडहर की तरह बेजान हो गई है,
कोई पूछता है तो शब्द नही आते है जुबा पर ,
कुछ खो गया हो…Read More
एक मुस्कान
एक मुस्कान बहुत निश्चल होती है,
हमारी नन्ही हथेलियों को छुकर के जाने हमसे क्या कहती है,
उसकी अनजान सी भाषा मेरे निर्मल मन को छुकर के,
एक अन्जाना सा ए…Read More
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