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Wednesday, 30 July 2014

मुहब्बत के लिए कुछ शब्द ही जरूरी है

 Kavita house     06:28     Kavita Sangrah     No comments   

मुहब्बत के लिए कुछ शब्द ही जरूरी  है
अगर हमे मुहब्बत करनी आती है
हमारे लाब्जो में प्यार हो
और उसमे प्यार का एहसास हो
उस प्यार में विस्वास हो
ना आकर्षण हो ना वासना हो
सिर्फ मिलन की प्यास हो
आँखों में उनका इंतज़ार हो
ख्वाबो में उनका दीदार हो
तन्हाइयों में बात हो
जब कोई न मेरे साथ हो
हो तुम्हारी कल्पना
 मेरी भावना मेरे पास हो
लाखो मील भी दूर होकर
दिल के मेरे पास हो
तुम दिल के मेरे पास हो
तुम दिल के मेरे पास हो

बस इतना है तो समझो मुहब्बत है

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Monday, 28 July 2014

आज फिर छोड़ गए वो हमसे वादा

 Kavita house     11:59     Kavita Sangrah     No comments   

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Sunday, 27 July 2014

आज फिर छोड़ गए वो हमसे वादा करके

 Kavita house     13:55     Kavita Sangrah     No comments   

आज  फिर छोड़ गए  वो  हमसे  वादा  करके
आज  फिर छोड़ गए  वो  हमसे  वादा  करके
जिस्म को छोड़ गए जान को आधा करके
आज  फिर छोड़ गए  वो  हमसे  वादा  करके
आज  फिर छोड़ गए  वो  हमसे  वादा  करके
जिस्म को छोड़ गए जान को आधा करके
आज  फिर छोड़ गए  वो  हमसे  वादा  करके
आज  फिर छोड़ गए  वो  हमसे  वादा  करके
ढेरो  तन्हाई  की राते
लाखो अब पळ है तुम  बिन
ढेरो  तन्हाई  की राते
लाखो अब पळ है तुम  बिन
कैसे  ये वक़्त गुजरेगा
कहि साँसे न  जाये थम
कैसे  ये वक़्त गुजरेगा
कहि साँसे न  जाये थम
ये  कहता  है  हर लम्हा मेरा
आ जाओ आओ प्रियवर तुम
आज  फिर छोड़ गए  वो  हमसे  वादा  करके
आज  फिर छोड़ गए  वो  हमसे  वादा  करके
जिस्म को छोड़ गए जान को आधा करके
आये थे दिल ये तोड़ने वो इरादा करके 
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Thursday, 24 July 2014

मेरे प्रियवर मेरे साथी

 Kavita house     13:11     Kavita Sangrah     No comments   

मेरे प्रियतम ,

समझ नही आता मै क्या कहु तुमसे और क्या लिखू वक़्त जो आपके साथ बिताना था इतनी जल्दी बीत गया और अब जो समय अलग रहकर गुजारना है वो पता नही कैसे बीतेगा ये नही जानते है हम ,हर पल तुम्हारे संग जो गुजरा है वही हर पल अब तुम्हारे बिन गुजरेगा
                    अब मुझे ये एहसास हो रहा है की कभी कभी जिंदगी हमे गुमराह करती रही और हम समझ ही नही पाये। या फिर ये हमारे कर्मो की सजा है। क्या सोचा था हमने और क्या मिला हमे ज्यादा कुछ नही बस थोड़ी सी जिंदगी में उम्र भर का साथ माँगा था पर किस्मत ने हमे यही पर जुड़ा कर दिया आगे का सफर कैसा होगा ये नही जानते हम
अनजाने में ही सही पर न जाने कब आपसे बेइंतहा मुहब्बत कर बैठी  पता ही नही चला लोगो को इस दर्द से गुजरते देखती थी तो मै ये सोचती थी की हमारी जिंदगी में ये क्षण आएगा ही नही लेकिन मेरा भृम टूट गया प्यार कैसा भी हो तकलीफ देता ही है ये ऐसा दर्द जो किसी को दिखा भी नही सकते और नाही कोई इसे कम कर  सकता है सिवाय इसके जिसने ये दर्द दिया है बहुत तकलीफ हो रही है इतना दर्द तो सायद कभी नही हुआ जिंदगी एक बोझ की तरह लग रही है अब ऐसी स्थिति है मेरे सामने की न मई जी सकती हु नाही मै मर सकती हु



मेरे प्रियवर
मेरे साथी
तुम जैसे दिया हो
मैं उसकी बाती
मेरे नैनो का श्रृंगार है तुझसे
ये तेरा आभार है मुझपे
कुछ मेरा भी अधिकार है तुझपे
ये जानकर एक निवेदन है
तुमसे प्यार में अनुमोदन है
मत जाओ मुझसे दूर सखी
मत जाओ मुझसे दूर सखी
तुम बिन  कैसे कटेंगे दिन
सूना सूना मन का उपवन
दिन रेन की सुध न रही सखी
मेरे पल पल लागे कई कई जीवन
कस्तूरी मेरे कुण्डल में
मै फिर भी भटकू इस वन में
आ जाओ मेरे पास सखी
मत जाओ मुझसे दूर सखी
मत जाओ मुझसे दूर सखी
मत जाओ मुझसे दूर सखी

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Wednesday, 23 July 2014

प्रेम एक ऐसी किस्ती है

 Kavita house     11:23     Kavita Sangrah     No comments   

प्रेम एक ऐसी किस्ती  है  जिसमे पार  लग गए तब भी मंजिल मिलजाति  है
और डूब गए तब  भी तो दोस्तों क्यों  न मुहब्बत करके देखे
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इस मरु भूमि में आकरके तुमने श्रृंगार सजाया है

 Kavita house     11:18     Kavita Sangrah     No comments   

इस मरु भूमि में आकरके तुमने  श्रृंगार  सजाया  है
नैनों  की इन लताओं  में अस्को  का  दरिया  समाया  है
कुछ  अपने  दिल  की  बात  कहो
जो बीती तन्हा  रातो  में
कुछ  हम  भी  कहेंगे तुमसे सखी
जो दरिया  बह  कर  आया  है

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Monday, 21 July 2014

ठहर जाये ये हरपल

 Kavita house     11:12     Kavita Sangrah     No comments   

वो नाम है वो पल है
वो हम है वो तुम हो
तुम में हम है
हम में तुम हो
हम एक दूसरे में गुम  है
इन बाहो के दरमियाँ
एक धरती है तो
एक आसमा
देख रहे है दोनों उस छोर को
जहाँ पर दोनों मिलते है
नही है कोई भेद
नही है कोई अंतर
नाही कोई अलग कर सकता
नाही हम होंगे अलग
बस यही आरज़ू है दिल में
की ठहर जाये ये जमी
ठहर जाये ये आसमा
ठहर जाये ये दोनों जहां
ठहर जाये ये हरपल
ठहर जाये ये हरपल

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Sunday, 20 July 2014

तब कोई क्या कृष्णा की तरह इनकी लाज बचाएगा

 Kavita house     11:16     Kavita Sangrah     No comments   

राजनीति का शब्द अब अपसब्द जैसे बन गया
नैतिकता का जैसे अब पतन इनमे हो गया
मानसिकता का स्तर इस क़द्र गिर जायेगा इनमे
इनके लिए अब खुदा भी मुसाफिर हो गया
राजाओ की नीति इतनी अभद्र हो जाएगी
शब्दों की शीमा अपशब्दों में बंध जाएगी
हर कोई होगा दुस्साशन हर गली में पाप होगा
द्रौपदी की तरह हर नारी असहाय हो जाएगी
उसके हर श्रृंगार को लूटने जब दुर्योधन आएगा
तब कोई क्या कृष्णा  की तरह इनकी लाज बचाएगा
तब कोई क्या कृष्णा  की तरह इनकी लाज बचाएगा 
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वो घटा जो हम पे बरस जाये तो कोई सितमगर हम पे जो सितम ढाये तो

 Kavita house     11:02     Kavita Sangrah     No comments   

वो घटा जो हम पे  बरस जाये तो
कोई सितमगर हम पे जो सितम ढाये तो
खुसबू उस चमन की नसीब में नही
फूल न सही काटे ही मिल जाये जो
है उनके ही हम वो हमारे नही
चाँद है वो हमारे
हम सितारे सही
उनकी रोसनी से रोशन हो जाये तो
ताकते हम रहेंगे उनको ताउम्र यु ही
जिंदगी बना लेंगे कसम खुदा की
हकीकत में न सही ख्वाब में आये तो
वो घटा जो हम पे  बरस जाये तो
कोई सितमगर हम पे जो सितम ढाये तो 
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आगोश में अपने तुझे ले तो लूँ लेकिन वक़्त कहता है अभी नही अभी नही

 Kavita house     10:35     Kavita Sangrah     No comments   

आगोश  में अपने तुझे ले तो लूँ लेकिन
वक़्त कहता है अभी नही अभी  नही  
मै हूँ मसगूल थोड़ा अपनी मुहब्बत संग
अंग से अंग  उनके मिलालूं तो सही
नजरे कहती  है मै  शर्म से झुक जाऊ गर
वो कहती है कुछ लम्हों के लिए ठहर जाओ जी
तन भी है संग मन भी है संग और
जहन से जहन में घुल गया है कही
ढूंढता तो चाहता  हूँ उनको
उनमे खोकर के लेकिन
कुछ इरादा बदला सा है
कुछ ये  मन समझता है नही
कैसा ये नशा है ये
ये कैसी दिस्नागी है
की  बाहो के झुरमुट में उनके
जिंदगी खो गयी कही
उसको खोजने  में भी  मजा  आरहा है
कभी उनके आँचल में तो कभी
बालो के  घने बादल में ढूंढ रहा है ये दिल
ये सब भी खूब हंसी है
बिना मद के  ही जो है  हम नशे में लेकिन
आगोश  में अपने तुझे ले तो लूँ लेकिन
वक़्त कहता है अभी नही अभी  नही   
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प्यास लग रही है तुझको पीने की

 Kavita house     09:11     Kavita Sangrah     No comments   

प्यास लग रही है तुझको पीने की
घुल जाओ तुम मुझमे और मै तुझमे कही
ये लम्हा ठहर जाये जो आस मेरी पूरी हो जाये तुझ संग जीने की 
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राधे कृष्णा

 Kavita house     07:09     Kavita Sangrah     No comments   

हमारे मन की अध्यामितकता अगर हम समझ जाये तो हमारा मन अपने आप ही सात्विक हो जायेगा

राधे कृष्णा 
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बचत

 Kavita house     07:06     Articles     No comments   

बचत हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। वो हमारे जीवन के लिए हमारे रीढ़ की हड्डी की तरह महत्वपूर्ण है

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Friday, 18 July 2014

हम सुधरेंगे तभी जग सुधरेगा

 Kavita house     05:26     Articles     No comments   

मैं यहाँ बहरीन में जॉब करता हु ये एक मुस्लिम बाहुल्य देश है यह पर कानून इतना अच्छा है की रात को १२ बजे भी कोई लड़की जा रही है तो किसी की हिम्मत उसपर कमेंट करने की नही पड़ती है रपे तो बहुत दूर की कौड़ी है  कोई लड़की स्वतंत्र रूप से कही भी घूम सकती है कही भी आ सकती है कही भी जा सकती है बिना किसी डर के बच्चे अकेले खेलते है उनके माँ बाप को कोई चिंता नही है की कोई किडनैप कर लेगा कोई उन्हें उठा ले जायेगा या कोई उनके साथ जोर जबरदस्ती करेगा नाही यह चोरी है न लूटमारी है न यही गलियो में  कोई महिला की चैन लुटती है यहाँ एक पल के लिए लाइट नहीं जाती यह के नागरिको के लिए मुफ्त शिक्षा मुफ्त आवास रोजगार की गारंटी है
नहीं कही आपको तू तू मै मै दिखेगी हर जगह शांति है
और मजे की बात ये है यह की जनसँख्या लगभग १२ लाख है जिसमे से लगभग 6.5 लाख भारतीय है ये भी यह रहकर हर नियम का पालन करते है लेकिन वही अपने देश पहुंच कर ये भी वैसी मानसिकता के हो जाते है हमारे देश में इसीलिए कोई कानून का पालन नही होता क्योकि नियम बहुत है लेकिन वो लागू नही है कुछ लागू है तो वो नेताओ की गलियो में गुजरते ही लुप्त हो जाते है कुछ हमारी मानसिकता भी ऐसी बन गयी है की कुछ भी क्राइम करलो पैसे देके छूट ही जायेंगे नही तो ये नेता किस दिन काम आएंगे एकदम तुच्छ और घृणित मानसिकता से ग्रस्त हो गए है हम
जब तक हम नही सुधरते और इन नेताओ को नही सुधरते तब तक मेरे भाई इस देश में हर तरफ ऐसे ही कोहराम मचा रहेगा माताये बहाने लुटती रहेंगी बच्चो का अपहरण होता रहेगा गरीबो का खून ये मुठी भर नेता चूसते रहेंगे
हम बदलेंगे तभी जग बदलेगा
हम सुधरेंगे तभी जग सुधरेगा  
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Wednesday, 16 July 2014

उनकी महफ़िल में हम बेगाने हो गए

 Kavita house     12:45     Kavita Sangrah     No comments   

उनकी महफ़िल में हम बेगाने  हो गए
जबसे   वो किसी और के दीवाने हो गए
समय  के ये सिलसिले   पुराने  हो गए
उनकी महफ़िल में हम बेगाने  हो गए
कोशिशे   बहुत  की हमने समझाने की
मन्नते भी की उनको  मनाने  की
वो न समझे   हमारे   दिल  के हालात  को
न समझे हमारे वो जज्बात को
वक़्त के हाथ   खिलोने बन गए
उनकी महफ़िल में हम बेगाने  हो गए
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नैतकिता है क्या ये क्या जाने शब्दों के बाण चलाते है

 Kavita house     12:23     Articles     No comments   

नैतकिता है क्या ये  क्या  जाने  
शब्दों  के बाण चलाते है
हम खुले   अस्मा   में सोते है
ये महलो  वाले  क्या जाने
ये हँसे खबर  बन  जाती है
ये चले खबर  बन  जाती है
यहाँ  जाने कितनी    कब्र बनी
पर किसी  को सुध नही आती है
हम  जिए    मरे  परवाह नही
अपना  कोई   खैरख्वाह नही
हम भूखे  दिन दिन सोये    
जिनके  पेट  भरे वो क्या जाने
है दर्द  गरीबी  का हमे   मिला  
ठंडी में मई हर रात   जगा    
वी ठिठुरन ठण्ड की ऐसी   थी
जैसे भगवान का श्राप लगा
जिनके तन पर मखमली वस्त्र
वो इस सिहरन  को क्या जाने
वो इस सिहरन  को क्या जाने 
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आ जाओ अब तुम प्रेम गली

 Kavita house     12:01     Kavita Sangrah     No comments   

आ  जाओ   मेरे प्रियवर  तुम
इन  बाहो का श्रृंगार बनो
तुम मेरे गले  का हार  बनो
 तुम मेरे गले  का हार बनो
दिन  ढल  सा  गया      
है शाम  ढली
है मिलन  की बेला
आ ही गयी
आ जाओ अब तुम प्रेम  गली
आ जाओ अब तुम प्रेम  गली
ये नयन तुम्हारे प्यासे  है
जो  देखे  तुम्हारे यौवन को
तन  मन की सुध  न मुझे  रही  
हर अंग  को  मिलन की प्यास जग
आ  जाओ  अब तुम प्रेम  गली
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ये कैसी विरह वेदना है न तुम समझी न मै समझ सकी

 Kavita house     11:39     Kavita Sangrah     No comments   

 कुछ दिल की धड़कन  सुनते है
कुछ ख्वाब तुम्हारे बुनते है
पलकों के सिरहाने पर
ये नयन ताकते रहते है
तुम  आओगे  कब आओगे
बस यही सोचते  रहते  है
नैनों  में है श्रृंगार सखी
मन की  मुरली हर  पल बजती
हम  कहते  है तुम थक सी   गयी
लेकिन  वो चलती  ही रहती
मै नही थकी मै नही थकी
जाने वो किस  से  कहती  रहती
नैनों में सागर  अस्को का
लेकिन होठो  पर है  मुस्कान सखी
ये कैसी  विरह  वेदना है
न तुम समझी  न मै समझ  सकी
नैनों में सागर  अस्को का
लेकिन होठो  पर है  मुस्कान सखी
ये कैसी  विरह  वेदना है
न तुम समझी  न मै समझ  सकी 
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Tuesday, 15 July 2014

ये मेरे बचपन की बगिया है

 Kavita house     12:32     Kavita Sangrah     No comments   

ये मेरे बचपन की बगिया है
जिसको मैंने अपने सपनो से सींचा है
कुछ ख्वाब देखे इस आँगन में
जिसमे गिरते सम्भलते बहुत कुछ सीखा है
है कुछ बेगाने तो कुछ अपने भी
जिनके संग जीवन बीता है
कुछ अश्रु मिले कुछ खुशिया भी
जब हारके  सब कुछ जीता है
है अब तो पुराना खंडहर सा
नयनो का झुरमुट रूठ गया
जो साथ चलता  था उस पगडण्डी पे
अब साथ नही है बात नही
बस यादे  है बस यादे है
अब मन में नही कोई सपना है
और नहीं कोई अब अपना है
हाय मेरी इस बगिया को
जाने कौन लूट गया
जाने कौन लूट गया 
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Sunday, 13 July 2014

कुछ नयन उनके कुछ कह रहे थे हमसे भी

 Kavita house     11:25     Kavita Sangrah     No comments   

कुछ नयन उनके कुछ कह रहे थे हमसे भी
हमारे नयन भी कुछ कम नही थे
धीरे धीरे वो मुड़के मुझको निहारे
हम भी थोड़ी सी कोशिश वही कर रहे
रोका उनने बहुत अपने नैनों को फिर भी
रोक हमने बहुत अपने नयनो को भी
ना वो रोक पाये न ही हम रोक पाये
चलते चले जा रहे बस इसी कस्मकस में
थोड़ा मुड़के उधर ये मन देखले तो
जैसे पीछे मुड़े तो वो भी हमको देख रहे थे
हाय ये क्या हुआ  किसीने मन को छुवा
नजरे झुक जो गयी शर्मा वो गयी
जाने मन ने मेरे उनके मन से कहा
कुछ समझ तो गया कुछ नासमझ सा रहा
लेकिन उस एहसास  ने कई सपनो को जन्म दिया
ये नैनों की भासा थी मन में लाखो आशा थी
और एक नई जिज्ञासा ने जैसे जन्म लेलिया 
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Saturday, 12 July 2014

अस्को का आशियाना बनाया है इस दिल ने इस क़द्र

 Kavita house     10:38     Kavita Sangrah     No comments   

अस्को का आशियाना बनाया है इस दिल ने इस क़द्र
जिसकी नदी ही एक बन गयी है जहन  में मेरे
रो रो के सूख गया है पानी आँखों का
फिर भी खुदा की रहमत नही है तो इसमें कुसूर है क्या
मुफ़लिस हु अपनी जिंदगी से
बेकद्र हो गया है ये जमाना भी मुझसे
बस उम्मीद है की आगे जहाँ मिल जायेगा मुझे

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मुझे दर दर मरने छोड़ दिया

 Kavita house     05:48     Kavita Sangrah     No comments   

क्यों हमारे सपने को चकनाचूर किया
हमने भी कुछ सोचा था पाने लिए
लेकिन उसने हमारी अस्मिता को झकझौर दिया
चंद लम्हों के सुकून की खातिर
हमारे सपनो को तोड़ दिया
अब अन्धकार है चारो तरफ मेरे
भविष्यहीन हो गया ये जीवन
उस बहसी दरिंदे ने मेरे
तन मन को छोड़ दिया
अब नही है जीने की आस मुझे
अब कोई नही है मेरे लिए
क्या क्या सोचा था हमने
उसने ख्वाबोको तोड़ दिया
उसने जिस्म की भूख मिटाई
मुझे दर दर मरने छोड़ दिया
मुझे दर दर मरने छोड़ दिया 
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ये क्या हुआ इन सफेदपोशो को

 Kavita house     05:48     Articles     No comments   

ये क्या हुआ इन सफेदपोशो को
क्यों हमारी डूबी लुटिया डुबोना चाहते है
हम तो उठ नही सकते है ये मालूम है हमे
फिर ये क्यों हद से ज्यादा अपने को गिराना चाहते है
वादो को करना और तोडना तो इनकी फितरत है
हमे दर्द बहुत मिला है जमाने से
फिर ये क्यों तड़पाना चाहते है हमे



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एक चाय मिल जाती तो शाम और दिलनशी हो जाती

 Kavita house     05:47     Kavita Sangrah     No comments   

एक चाय  मिल जाती तो
शाम और दिलनशी हो जाती
यहाँ मौसमी बारिस तो नही है
लेकिन ये मन फिर भी भीग  गया
जो तू नही मिली मुझे
गर तेरी यादे मिल जाती तो
सायद ये जिंदगी रंगीन हो जाती
हाँ तुमसे दूर हूँ मै फिर भी
पास यादें है तुम्हारी
और तन्हा ये आलम है
चांदनी रात भी कुछ याद दिला रही है मुझे
कुछ तो है और कुछ जो नही है
बस इसी कस्मकस में तड़पता है ये दिल
हाँ सुकु है थोड़ा ही सही
देखते है ये इंतज़ार कितना सितम ढाता है
ऐसी ही कुछ उन्सुल्झी पहेली है
तभी जिंदगी मेरी इतनी अकेली है
तो चलो अपनी चाय का ही सहारा लेते है
कुछ पल ही सही इसीके बहाने कुछ यादो को अपना बनाते है 
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Friday, 11 July 2014

प्यार और आकर्षण में बहुत अंतर होता है न जाने आज की पीढ़ी इसको पहचान ने में क्यों भूल करती है प्रेम सागर की तरह विशाल है

 Kavita house     05:27     Articles     No comments   

प्यार और आकर्षण में बहुत अंतर होता है न जाने आज की पीढ़ी इसको पहचान ने में क्यों भूल करती है
प्रेम सागर की तरह विशाल है
तो आकर्षण बहुत ही सूक्ष्म है
प्रेम में दया है करुणा है
तो आकर्षण में वासना है
प्रेम पापहीन है
आकर्षण पाप में लीन है
प्रेम हमे जीना सिखाता है
तो आकर्षण गहरे खड्डे में गिराता है
फिर हम क्यों नही पहचान पते है


दोनों में जमीन आस्मां का अंतर है
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There is a difference between love and attraction, why not let him forget that today's generation

 Kavita house     05:26     Articles     No comments   

There is a difference between love and attraction, why not let him forget that today's generation
Love is as vast as the ocean
It is very subtle attraction
Love is compassion, in kindness
If there is a desire to charm
Love is Paphin
Attraction is absorbed in sin
Love teaches us to live
Drops into a ditch so deep attraction
Why do we not recognize the address
The difference in both ground Asman
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दम घुटता है इस आशियाने में कभी कभी

 Kavita house     05:26     Kavita Sangrah     No comments   

दम घुटता है इस आशियाने में कभी कभी
क्योकि सब कुछ है इसमें पर तुम नही
आती है हर पल वो आहट तुम्हारी
जब चुपके आके कान में कुछ कह जाती थी
कुछ आता था समझ में कुछ धुंधला जाता था
कभी कभी अँधेरे में भी नजर आती थी मेरी जानशी
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वो लड़ना झगड़ना वो रूठना मनाना

 Kavita house     05:25     Kavita Sangrah     No comments   

वो लड़ना झगड़ना वो रूठना मनाना
वो रूठ के जाना मेरा घंटो मनाना
कभी कान पकड़ते तो कभी इसारो में कहते
की मान जाओ सनम मान जाओ
अब हम न करेंगे सरारत
बस करेंगे मुहब्बत
उन पलो में भी क्या था
जो आज नही है
तब मेरे सपने ही हकीकत थे
लेकिन आज ख्वाब भी नही है
तंग गालिया  हुई  अब
अब रहा न वो बचपन
उम्र के इस सफर ने


ढाया है ये सितम
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ये जिंदगी क्यों इतनी नीरस हो गयी

 Kavita house     05:25     Kavita Sangrah     No comments   

ये जिंदगी क्यों इतनी नीरस हो गयी यहाँ तो मेरे पास सब कुछ है सिर्फ तुम्हारे सिवा फिर भी मन  में आज ऐसा क्यों प्रतीत हो रहा है क्या ये प्रेम   में  विरह की पीड़ा  है  या  फिर और  कुछ। कुछ भी समझ नही आ  रहा है न ही कुछ करने  को  मन हो रहा है न ही कही आने  का  न ही कही जाने का ये क्या है क्या मै प्रेम से परिचित हो रहा हु  या ये समय  मुझे  इस  से अपना परिचय कराना  चाह  रहा है
और क्या है प्रेम की वास्तविकता  क्या हम एक  दूसरे  से जुदा होते  है तभी हमे वास्तविक प्रेम का एहसास होता है या हमारा छोटी छोटी बातो पर लड़ना झगड़ना रूठना फिर मनाना ये भी प्रेम का ही स्वरुप है हाँ मैंने  कभी कभी ये एहसास जरूर किया है की जब थोड़े  थोड़े  अंतराल  पर हम अपने  परिवार  से दूर  होते है तो हमे अपनी कमियों का भी एहसास होता है और अपनों के प्यार  का भी एहसास होता है लेकिन दूर होकर  ही क्यों मै ये जानना चाहता हूँ


की वास्तविक रूप  क्या है प्रेम का कैसे  उस  से साक्षात्कार  होगा  हमारा
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क्यों अपनी ही राह में हम मुसाफिर की तरह है

 Kavita house     05:24     Kavita Sangrah     No comments   

क्यों अपनी ही राह में हम मुसाफिर की तरह है
मुहब्बत को अपना आशियाना बना ले गर
मंजिले है बहुत इस राह में
कुछ सीधी है कुछ टेढ़ी है
कुछ का नहीं है पता तो
कुछ खुद ढूंढ  रही  है अपने पते को
मुहब्बत को अपना आशियाना बना ले गर
मंजिले है बहुत इस राह में
कुछ सीधी है कुछ टेढ़ी है
कुछ का नहीं है पता तो
कुछ खुद ढूंढ  रही  है अपने पते को 
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यूं टूट कर न रो मेरे दिल इस क़द्र

 Kavita house     05:23     Kavita Sangrah     No comments   

यूं टूट कर न रो मेरे दिल इस क़द्र
यहाँ कोई नही है तेरी सुनने वाला
रो रो के सायद ही आत्मा भीग जाये तेरी
रूह  काँप जाये चाहे  देखने  वालो  की


लेकिन नही कोई तेरी मुहब्बत को चाहने वाला
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मेरे कान्हा

 Kavita house     05:23     Kavita Sangrah     No comments   

मेरे कान्हा भी कभी कभी मेरे साथ सरारत करते है कभी कभी मुझे सताते है आज सुबह मई मंदिर में उन्हें स्नान करा रहा था उसके पहले उनका मुकुट और माला और उनके कपडे उतार रहा  था की स्नान कर लो  लेकिन कभी वो अपना माला खीच रहे  कभी अपना मुकुट नही दे रहे कभी इधर कभी उधर भाग रहे मुझे भी इनकी ये सरारत देख कर मन ही मन आनंद मिल रहा था और मै बार बार पुकार रहा कान्हा कान्हा इधर आइये मुझे और भी काम है लेकिन वो कहा मानने वाले वो आगे आगे मै पीछे पीछे आखिर  थककर मई एक तरफ बैठ गया तो अपनी मनमोहक मुस्कान के साथ मुस्कराते हुए मेरे पास आकर बैठ गए मैंने भी कहा की आप मुझे सताना चाहते थे ना
भाइयो ऐसा रोज होता है मेरे और मेरे कृष्णा के बीच क्या आप भी कभी बात करने की कोशिश किये अगर नही तो एक बार करके देखिये मै सच कहता हु इतना आनंद आपको कही नही मिलेगा
जय श्री कृष्णा
जय जय श्री कृष्णा
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क्यों हम इनकी बात करे जो हमारी नही सोचते है

 Kavita house     05:22     Kavita Sangrah     No comments   

क्यों  हम  इनकी बात करे जो हमारी नही सोचते है
जो सिर्फ और सिर्फ स्वार्थ से जुड़े हुए है
इनका धर्म इनका कर्म इनका ईमान
और यह तक इनकी रोजी रोटी भी स्वार्थ से सनी हुई है
ये सिर्फ अपनी कुर्सी से प्यार करते है नाही हमसे नाही हमारे देश से
ये सफ़ेद कपड़ो में लुटेरे है
तो हम क्यों इनका विस्वास करे
हर पल हर लम्हा इन्होने हमारे सपनो को चकनाचूर किया है
तो हम क्यों इनसे  प्यार करे
ये राजनेता है इनको तुच्छ और गन्दी राजनीती करनी है
बस और कुछ नही
नहीं इनको अपने शब्दों पर नियंत्रण है नाही अपनी वाणी पर
ये हर शब्द पर राजनीती करते है
तो क्यों न हम इनका तिरस्कार करे 
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Monday, 7 July 2014

Comedy Videos

 Earthcare Foundation NGO     03:52     Comedy Videos     No comments   

*****
There is a collection of videos from Talking Cat Android App











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Saturday, 5 July 2014

वो इसारे से समझाना

 Kavita house     09:31     Kavita Sangrah     No comments   

वो इसारे से समझाना
अंजानी भाषा में बात करना
कुछ भी कहने में असमर्थ शब्दों से
लेकिन इसारो से बया करना
वो तुतलाती हुई जुबा से
नन्हे नन्हे कदमो पे आना
कभी गिरना कभी सम्भलना
फिर उठके मेरी गोदी में आना
वो मासूमियत वो मुस्कान
याद रहेगी मेरे दिल हमेसा
मेरा नन्हा सा दिल
जाने मुझसे क्या कहता
इन पलो में जैसे सारा जहां समय है
जन्नत की शैर से काम नही ये पल मेरे लिए
मेरे लाल तू जुग जुग जिए
मेरे लाल तू जुग जुग जिए
मेरे लाल तू जुग जुग जिए 
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चाहत अभी अधूरी है दोस्त

 Kavita house     09:31     Kavita Sangrah     No comments   

चाहत अभी अधूरी है दोस्त
क्योकि चाँद खेल रहा है आंखमिचौली
आजाओ फलक पे ये इल्तेजा है मेरी
मत सताओ मेरी मुहब्बत को
प्यासी वो है तो बेचैन है हम भी
आ जाओ आ जाओ आ जाओ
बस कुछ साँसे है अधूरी 
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एक अधूरा जहां अधूरे लोग अधूरी नियत अधूरी इंसानियत

 Kavita house     09:29     Kavita Sangrah     No comments   

एक अधूरा जहां अधूरे लोग अधूरी नियत अधूरी इंसानियत
ये कहा आ गए ख़ुदा जहा न लोगो के पास दिल है
न ही इंसानियत न ही एक दूसरे से बोलना चाहते है
सिर्फ और सिर्फ पत्थर की मूर्ती है
सब अपने अहम में खोये हुए है
यह मै ही मै है हम नही है
झूठा संसार है झूठे लोग
इस से तो अच्छी थी अपनी मिटटी
अपना घर अपना सहर अपनी धरती अपना देश
नही चाहिए मुझे धन
नहीं चाहिए मुझे दौलत
मुझे चाहिए दिल का जहां
दिलवाले लोग


सच्चे दोस्त
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Friday, 4 July 2014

मनुष्यता पर प्रहार

 Kavita house     23:07     Articles     No comments   

आजकल हम क्यों मनुष्यता पर प्रहार करने से नही चूकते है क्यों कभी कभी हम मासूमियत का भी गाला घोटने से हिचकिचाते नही है आजकल की दिनचर्या अपनी संस्कृति से खिलवाड़ ये क्या है क्यों हम इतने क्रुद्ध और निर्मम होते जा रहे है क्या दया भाव का लोप होता जा रहा है ऐसा क्यों सायद हम अत्यधिक स्वार्थी हो गए है और इतना की सिर्फ मै ही मैं दिखाई देता है और कछ दीखता ही नही हमारे आँखों के सामने उजाला होते हुए भी हम अन्धकार में ही जीना चाहते है या आदी हो गए है ऐसी दिनचर्या के लिए क्यों हम बदल नही सकते है क्या ये इतना कठिन कार्य है हमे बदलना होगा
सायद बदलाव ही उपाय है लेकिन ऐसा नही जैसा आजकल है


बदलाव सार्थक होना चाहिए
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आमीन आमीन

 Kavita house     23:06     Articles     No comments   

आज खुद मेहरबान है मुझपर
उसकी इनायत कुछ ज्यादा ही आज है
कुछ तो बात है आज में
की मुकद्दर आसमा पे है
छु लेने का मन आज चाँद और तारो को है
क्योकि आज गुलसिता ही मेरे पास है


आमीन आमीन
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हमे काफ़िर समझे दुनिया तो समझने दो पर हम तुम्हारी इबादत करेंगे

 Kavita house     23:05     Kavita Sangrah     No comments   

हमे काफ़िर समझे दुनिया तो समझने दो
पर हम तुम्हारी इबादत करेंगे
टूट जाये चाहे जितने महल सपनो के
लेकिन दिल न टूटने देंगे अपनों के
हर तूफ़ान से लड़ेंगे
कभी गिरेंगे कभी संभलेंगे
आसमा पे उड़ने की ख्वाइश नही है मेरे दोस्तों
उनको मुमताज तो हम मुहब्बत के शाहजहाँ बनेंगे
बंदगी करेंगे हमेसा हर दिल की
जो मुहब्बत को जिंदगी समझते है
हमे काफ़िर समझे दुनिया तो समझने दो
पर हम तुम्हारी इबादत करेंगे
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वो मुस्कराती हुई शाम याद आती है जब शाम ढलते ही जम्हाई आती थी

 Kavita house     23:05     Kavita Sangrah     No comments   

वो मुस्कराती हुई शाम याद आती है
जब शाम ढलते ही जम्हाई आती थी
मन से एक आवाज आती थी की
एक चाय की प्याली मिल जाए
हम भी धीमी आवाज में डरते डरते कहते थे
अजी सुनती हो शाम ढलने को है
उधर से तेज और कुछ भुनभुनाती हुई आवाज आती
हां पता है मुझे मुझसे ज्यादा किसकी जरुरत है तुम्हे
हम भी थोड़ा बहलाते थे थोड़ा फुसलाते थे
कभी कभी अपने कान पकड़कर उनको मनाते थे
लगा दिल पिघला चेहरे पे एक मुस्कान आई
जाओ आप भी रुला देते हो कभी कभी
हम दोनों भावनाओ के प्रवाह में बहने लगते थे
ठीक है ठीक है आपकी चाय मई दो पल में लाई
वो रसोई में जाती हम पीछे से पहुंच जाते
मन ये कहता कुछ शरारत करे
पीछे जाके भर लेते थे अपनी बाहो में
सिर्फ ये एक चाय की कहानी नही है
ये हमारे जिंदगी के हसीं पहलू है
जो तन्हाई में कभी हमको हँसते है
तो कभी कभी हँसाते हँसाते रुला जाते है
अजीब है ये प्यार ये मुहब्बत


प्यार में चिढ़ाना और ये सरारत
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he smiles miss Evening When sunset came yawning

 Kavita house     23:04     Kavita Sangrah     No comments   

he smiles miss Evening
When sunset came yawning
A voice came from the mind of
Get a cup of tea
We used to say in a low tone gingerly
O listen to the evening's set!
The voice was sharp and Bhunbhunati
Ya know what I need you more than me
We were also a little amused were Fuslate
He grabbed his ears were occasionally observed
I put a smile on your face melt hearts
You do get the occasional cry too
We both seemed to flow into the flow of emotions
May your tea brought two right moment
She walked back into the kitchen we
It calls to mind some mischief
Go back to your arms, and took over the
It is not just the story of a tea
This aspect of our lives haseen
Sometimes we laugh at the Loneliness
Are sometimes laugh laugh then cry
Strange Love it love it
In love tease and Srart
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तो इतने गुनाह क्यों हमने किये

 Kavita house     23:03     Kavita Sangrah     No comments   

कभी ख्यालो में ऐसे ही
उन से जाने कैसे सवाल पूछते थे हम
कभी तन्हा रातो में चाँद से बाते करते थे हम
अभी सोचते है हम की क्या हम तब ठीक  थे या  अब  हम
तब कुछ भी नही था मेरे पास इस दिल के सिवा
आज सब कुछ है बस दिल के सिवा
तब हमे खुसी मिल जाती थी चंद पैसो से
अब लाखो कमा कर भी छोटी सी खुसी के लिए तरसते है
तब रिश्ते थे नाते थे यार थे दोस्त थे
अब बस मतलब के साथी है
तब समय ही समय था अपने लिए कोई काम न था
आज काम ही काम है समय नही है अपनों के लिए
कभी उदास हो जाता है मन तो कभी सिसक सिसक के  रोने लगता है
आज कोई नही है मेरी आवाज को सुन ने के लिए
करते है गुजारिस ऊपर वाले से
अगर हम सह नही सकते है इतने जुल्म तुम्हारे
तो इतने गुनाह क्यों हमने किये


तो इतने गुनाह क्यों हमने किये
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So why do we have so much crime

 Kavita house     23:02     Articles     No comments   

Never in thanking the same
How were we going to ask them questions
We never used to talk to the moon in lonely nights
Just what we think we were right then or now
Then there was nothing to me except the heart
Today, everything else is just heart
Then we'd find a few money from happiness
happiness earn millions thirsting for now is too small
Relationships were then used as the friend of man
Now just means that the partner
The only time when there was no work for yourself
There is time for work and loved ones today
Never mind gets sad sometimes sobbing sobbing cries of
Nobody is listening to my voice today to the
If the above prey
If we can not tolerate such atrocities you
So why do we have so much crime
So why do we have so much crime
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वो इसारे से समझाना

 Kavita house     23:00     Kavita Sangrah     No comments   

वो इसारे से समझाना
अंजानी भाषा में बात करना
कुछ भी कहने में असमर्थ शब्दों से
लेकिन इसारो से बया करना
वो तुतलाती हुई जुबा से
नन्हे नन्हे कदमो पे आना
कभी गिरना कभी सम्भलना
फिर उठके मेरी गोदी में आना
वो मासूमियत वो मुस्कान
याद रहेगी मेरे दिल हमेसा
मेरा नन्हा सा दिल
जाने मुझसे क्या कहता
इन पलो में जैसे सारा जहां समय है
जन्नत की शैर से काम नही ये पल मेरे लिए
मेरे लाल तू जुग जुग जिए
मेरे लाल तू जुग जुग जिए
मेरे लाल तू जुग जुग जिए 
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Thursday, 3 July 2014

Comedy Videos

 Earthcare Foundation NGO     23:59     Comedy Videos     No comments   

Hi in this post i will show you some comedy videos which all of you will like.These videos can be from movie or hand made videos.

*****
Best comedy clip from The chinese movie The Forbidden Kingdom




*****
This is best comedy video of a child who is very young.He laughs very loudely.

 
                                      

*****
This is a very strange act performed by a expert


                                      



                                                            More Videos Click Here
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How to create a winrar file with password

 Earthcare Foundation NGO     23:37     How To     No comments   

In this post i will explain you how to create a winrar file with password
For this first select a file to which you want to compress and then right click on it
now select add to archive option



now you will get a screen like below
mow click in advanced option


Now click on set password


Now you will get the following screen


now enter the password you want and click OK


Now the zip file is created



This procedure can be understood by viewing video


                                          





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How to cut a video using VLC

 Earthcare Foundation NGO     23:18     How To     No comments   

In this post i will show how you can cut a video from another video using VLC.
For this there are following steps:
1)First open any video file
2)Then go to view menu and select advanced options option

now 4 buttons will be added.
For start recording press the leftmost button and to stop it again press that button.
now the clip has been created and has been saved to videos folder

This procedure can be understood by viewing the following video:


                          


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Comedy Posts

 Earthcare Foundation NGO     05:56     Comedy Posts     No comments   

*****
A guy calls an unknown number..
Guy: Fridge hai?
Reply: Haan hai.
Guy: Chalta hai?
Reply: Haan chalta hai..
Guy: Toh pakad ke rakhna, warna bhaag jaayega..
And he hangs up.. After a while, he calls up again..
Guy: Fridge hai?
This time the person’s really angry.
Reply: Nahi hai.
Guy: Kahaan se hoga.. Bola tha na pakad ke rakhna varna bhaag jaayega..

*****
 Pehle wo meri GF thi
Me bolta tha wo suni thi
phir wo meri mangetar bani,
Wo bolti thi main sunta tha
jab wo meri BIWI bani
Hum dono bolte he Mohalla sunta hai.

 *****
 Ek baar ek ladka rastey mein chalte chalte ek gadhe ke samne gir gaya.
Tabhi ek ladki ne use chhedte hue kaha, “Apne bade bhai ka aashirwaad le rahe ho kya?”
 Ladke ne palat kar jawab diya, “Sahi farmaya bhabhi ji.”

 *****
A Husband makes a call 2 his wife from his idea phone.
 He dials wrong number.
 Another woman picks it.
Both talked for long time and fell in love.
Moral of the story: An idea can change your wife.  

*****
Girlfriend: Janu tum din me kitni bar shave karte ho?
Boyfriend: mai to din me 20-30 bar shave karta hu.
Girlfriend: Pagal ho kya?
 Boyfriend: mai to barber(nai) hu.
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गमो की बारिशे बहुत है

 Kavita house     03:01     Kavita Sangrah     No comments   

गमो की बारिशे बहुत  है
इस अँधेरे समाज में
जो  देख नही  सकते


वो भी इल्जाम लगाते है  हम पर
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अंजामे मुहब्बत की परवाह नही है हमे

 Kavita house     03:00     Kavita Sangrah     No comments   

अंजामे मुहब्बत की परवाह नही है हमे
हम तो तुफानो से रोज लड़ते है
दिल में जज्बा है और साथ है तुम्हारा तो
खुद से भी लड़ने की ताकत हम रखते है
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लेकिन दिल में हमेशा सपनो का ताजमहल होगा

 Kavita house     02:59     Kavita Sangrah     No comments   

हम भी इस राह के मुसाफिर है मेरे दोस्त
कुछ कदम मेरे संग तो चल के तो  देखिये
धुप में भी छाँव का एहसास होगा
बेगानो के  बीच भी अपनों का साथ होगा
चाहे कितने ही टूट जाये शीशमहल


लेकिन दिल में हमेशा सपनो का ताजमहल होगा
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We also passengers on the road my friend

 Kavita house     02:59     Articles     No comments   

We also passengers on the road my friend
See you then walk a few steps with me
Will realize the sun shade
Between stranger be with loved ones
Be broken, no matter how the Orangery
But the heart will always palace Dream
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when we saw him in the mirror Why then slew a million times

 Kavita house     02:58     Articles     No comments   

when we saw him in the mirror
Why then slew a million times, we
If you see of yourself in the mirror everyday we
But we were not too faint
That is the question we are asking ourselves
He Nur heaven or no Khksha
The prayer of the heart every moment that beauty
We think the same is staring in the mirror
We would love to get myself one day
But challenged every moment by yourself
Why is this so in love
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जब जब आईने में देखा हमने उनको

 Kavita house     02:57     Kavita Sangrah     No comments   

 जब जब आईने में देखा हमने उनको तो लाखो बार मदहोश क्यों हुए हम हम अपन आप को तो देखते रोज आईने में लेकिन एक बार भी हम बेहोश ना हुए हम यही ...
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धर्म और दया सबसे बड़े हथियार है

 Kavita house     02:56     Articles     No comments   

धर्म और दया सबसे बड़े हथियार है जिनसे हम संपूर्ण विस्वा को अपना बना सकते है
Righteousness and mercy which is the biggest weapon that we can complete your world
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क्यों

 Kavita house     02:55     Kavita Sangrah     No comments   

क्यों अपने कुछ स्वार्थ में वशीभूत होकर हम अपने धर्म को अपने आत्मा को अपने मैं को भी दाव पर लगा देते है क्या यही मनुष्यता है क्या यही हमारे पूर्वजो ने हमे सिखाया है क्या यही हमारी संस्कृति है जिसके लिए हम संपूर्ण संसार में जाने जाते है ....
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वृन्दावन की गलिन में न आना सखी मुरली वाले को तुम न बुलाना सखी

 Kavita house     02:54     Kavita Sangrah     No comments   

वृन्दावन की गलिन में न आना सखी
मुरली वाले को तुम न बुलाना सखी
वो तो है ही चितचोर सखी
बावरा हम को वो तो कर जायेगा
फिरती रहूंगी फिर मई गली गली
वृन्दावन की गलिन में न आना सखी
मुरली वाले को तुम न बुलाना सखी 
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acid attack in our hearts

 Kavita house     00:59     Articles     No comments   

The acid throwing incidents is growing in our country these days Bdin our mindset rolled reflecting how our mindset can not leave everything in the hands of the government. We also have some responsibility towards our society and our own country prati hum kab tak apni jimmedari se muh...
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गमो की बारिशे बहुत है

 Kavita house     00:58     Kavita Sangrah     No comments   

गमो की बारिशे बहुत  है
इस अँधेरे समाज में
जो  देख नही  सकते


वो भी इल्जाम लगाते है  हम पर  
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अंजामे मुहब्बत की परवाह नही है हमे

 Kavita house     00:58     Kavita Sangrah     No comments   

अंजामे मुहब्बत की परवाह नही है हमे
हम तो तुफानो से रोज लड़ते है
दिल में जज्बा है और साथ है तुम्हारा तो
खुद से भी लड़ने की ताकत हम रखते है
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लेकिन दिल में हमेशा सपनो का ताजमहल होगा

 Kavita house     00:57     Kavita Sangrah     No comments   

हम भी इस राह के मुसाफिर है मेरे दोस्त
कुछ कदम मेरे संग तो चल के तो  देखिये
धुप में भी छाँव का एहसास होगा
बेगानो के  बीच भी अपनों का साथ होगा
चाहे कितने ही टूट जाये शीशमहल


लेकिन दिल में हमेशा सपनो का ताजमहल होगा
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We also passengers on the road my friend

 Kavita house     00:56     Articles     No comments   

We also passengers on the road my friend
See you then walk a few steps with me
Will realize the sun shade
Between stranger be with loved ones
Be broken, no matter how the Orangery
But the heart will always palace Dream
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Wednesday, 2 July 2014

Creating projects in Visual Studio 2013

 Unknown     20:59     No comments   

In this post I will explain how to create projects in Visual Studio 2013.
I will create Windows runtime apps using XAML.
There can be many ways an app can be created
·        Universal Windows and Windows Phone
·        Windows
·        Windows Phone
Here XAML stands for Extensible Application Markup Language. XAML elements are seen as objects in Windows. It is used to describe a UI using XML. This is a declarative way for expressing the UI. Each of the items on the page can be defined in XAML.
          Each of the elements has properties that defines how it appears on the screen.

If you want to see this whole process in video then Click Here
So for creating a project in Visual Studio Go to menu File




Then click on new




Then click on project


Now you will get a screen like below image





Here you can select which progrmming language you want to use as C#,C++ Visual Basic etc.
Name the project as your wish and then click Ok.
Now a new project has been created in which you can do whatever you want.





You can just write your program and run it by clicking on start as shown in below image





So in this way you can create a new project in Visual Studio 2013.






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